कस्टम मिलिंग घोटाला… टुटेजा और ढेबर गिरफ्तार: 14 जुलाई तक EOW की रिमांड पर भेजे गए
By : dineshakula, Last Updated : July 9, 2025 | 9:13 pm
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए रिटायर्ड IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया। विशेष न्यायालय ने दोनों को 14 जुलाई तक EOW की रिमांड पर भेज दिया है। इन दोनों पर पहले से ही राज्य के शराब घोटाले में आरोप लगे हैं और वे उस मामले में पहले से जेल में हैं। अब इस नई गिरफ्तारी के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
इधर, तेंदूपत्ता बोनस गबन मामले में EOW ने राजशेखर पुराणिक को भी गिरफ्तार किया है।
कस्टम मिलिंग घोटाले में क्या है मामला?
यह घोटाला राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम (FCI) में जमा किए जा रहे कस्टम मिलिंग के चावल से जुड़ा है। अलग-अलग राइस मिलर्स द्वारा चावल जमा कराए जाते हैं, और इस पूरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। आरोप है कि प्रति क्विंटल चावल पर अवैध वसूली की गई।
जांच में यह भी सामने आया कि छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते थे और अफसरों को इसकी जानकारी दी जाती थी। जिन मिलर्स से पैसे नहीं मिलते, उनका भुगतान रोक दिया जाता था।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही सक्रिय हो चुका है। 20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापेमारी की थी। इस दौरान MARKFED के पूर्व MD मनोज सोनी, राइस मिलर्स संगठन के पदाधिकारियों और मिलर्स के घरों पर तलाशी ली गई थी। छापों में कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख रुपए नकद बरामद किए गए थे। ED ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर FIR दर्ज हुई और अब EOW ने कार्रवाई तेज कर दी है।
कोर्ट में अनिल टुटेजा का पक्ष
अनिल टुटेजा ने अदालत में अपनी गिरफ्तारी को अनुचित करार देते हुए इसे एक “इंश्योरेंस अरेस्ट” बताया। उन्होंने कहा कि जिस FIR क्रमांक 01/2024 के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है, वह जनवरी 2024 में दर्ज हुई थी और अब इसमें 18 महीने से अधिक समय हो चुका है। 1 फरवरी 2025 को इस मामले में चालान भी पेश किया जा चुका है। इसके बावजूद, आज तक उनसे किसी भी स्तर पर EOW ने पूछताछ नहीं की थी।
टुटेजा ने कहा कि वह पिछले 15 महीनों से जेल में हैं और सभी जांच एजेंसियों के सामने हमेशा सहयोग के लिए तैयार रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जब उनके खिलाफ शराब घोटाले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है, ठीक उसी समय उन्हें इस नए मामले में गिरफ्तार किया गया, ताकि उनकी जमानत प्रक्रिया पर प्रभाव डाला जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके और उनके परिवार के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बीते पांच वर्षों में चार अलग-अलग एजेंसियों द्वारा छापे मारे गए, लेकिन कभी भी किसी तरह की अवैध वस्तु या नकदी नहीं मिली। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि कस्टम मिलिंग के जिस समय की बात हो रही है, उस दौरान वे खाद्य विभाग में कार्यरत नहीं थे। वर्ष 2019 से 2023 तक वे केवल उद्योग विभाग में पदस्थ थे और उन्होंने खाद्य विभाग से जुड़ी कोई भी फाइल नहीं देखी है।
टुटेजा ने आरोप लगाया कि उन्हें केवल कुछ मौखिक बयानों के आधार पर इस मामले में फंसाया जा रहा है और यह उनके खिलाफ एक गहरी साज़िश है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक देश के किसी भी न्यायालय से उन्हें कोई सज़ा नहीं मिली है और वे एक विचाराधीन आरोपी हैं जिनका ट्रायल अभी लंबित है।
उन्होंने कहा कि उनका परिवार पिछले 29 वर्षों से छत्तीसगढ़ में प्रतिष्ठित व्यवसाय कर रहा है और इस तरह की गिरफ्तारी केवल उन्हें न्याय मिलने से रोकने की कोशिश है।
फिलहाल, EOW की रिमांड अवधि के दौरान आगे की पूछताछ में क्या तथ्य सामने आते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।


