विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने जानकारी दी थी कि जिन देशों का चयन हुआ है, उनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के साथ-साथ वे राष्ट्र भी हैं जो भविष्य में सुरक्षा परिषद में शामिल हो सकते हैं।
आरोप लगाने वाली महिला ने बताया कि उसका पति उसे बुरी तरह मारता-पीटता था, कॉलेज जाते समय हमला करता था, फोन तोड़ता था और धमकाता था कि "अगर तुम शिकायत करोगी तो कुछ नहीं होगा, पुलिस मेरी तरफ है"।
केंद्र सरकार ने जिन सात प्रमुख नेताओं को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने के लिए चुना है, उनमें भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, जेडीयू से संजय झा, कांग्रेस से शशि थरूर, द्रमुक से कनिमोई और एनसीपी (शरद पवार ग
भारत ने रावलपिंडी पर प्रहार के बाद जानबूझकर आगे हमला नहीं किया, क्योंकि पाकिस्तान भारत की सैन्य शक्ति के सामने टिकने की स्थिति में नहीं था।
इन दलों में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों के अलावा वरिष्ठ राजनयिक भी शामिल हैं।
पीएम मोदी द्वारा शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल करना कई मायनों में अहम और चौंकाने वाला कदम है। थरूर संयुक्त राष्ट्र में दो दशकों से अधिक समय तक काम कर चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के जानकार माने जाते हैं।
जहां अक्सर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहसें होती हैं, वहीं इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों ने एक सुर में सरकार के फैसले का समर्थन किया।
भारत सरकार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर 11 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसे "मापी गई और संतुलित कार्रवाई" करार दिया गया। इनमें वही जगहें शामिल हैं, जहां The Washington Post ने भी क्षति की पुष्टि की है।
शाह का इशारा भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर था, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मीडिया ब्रीफिंग में नजर आई थीं।
उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा: “हमारे ड्रोन और मिसाइलों की शक्ति सोचकर पाकिस्तान को कई रातों तक नींद नहीं आएगी।”