Psoriatic Arthritis: सोरिएटिक आर्थराइटिस के लक्षण और जानकारी

By : dineshakula, Last Updated : September 5, 2025 | 5:48 pm

Psoriatic Arthritis: जब ज्यादातर लोग ‘आर्थराइटिस’ शब्द सुनते हैं, तो उनका पहला ख्याल जोड़ो के दर्द का होता है। यह सही है कि जोड़ो का दर्द आर्थराइटिस की सबसे आम पहचान है, लेकिन यह बीमारी इससे कहीं ज्यादा जटिल है। 1990 से 2019 के बीच किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि लगभग 2.35 करोड़ भारतीय केवल ऑस्टियोआर्थराइटिस नामक एक प्रकार की आर्थराइटिस के साथ जीवन बिता रहे हैं। लेकिन आर्थराइटिस की 100 से ज्यादा अलग-अलग किस्में हैं। इनमें से एक प्रकार जिसे सोरिएटिक आर्थराइटिस कहते हैं, हाल ही में अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा है।

आर्थराइटिस क्या है?

आर्थराइटिस शब्द ग्रीक भाषा से आया है, जिसमें ‘arthon’ का मतलब जोड़ और ‘itis’ का मतलब सूजन होता है। यह बीमारी मुख्यतः जोड़ो के आसपास लगातार दर्द और सूजन का कारण बनती है।

आर्थराइटिस के प्रकार

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस: इसमें जोड़ो के छोरों को कवर करने वाला कार्टिलेज धीरे-धीरे घिस जाता है, जिससे दर्द, सूजन और जकड़न होती है।

  • रूमेटोइड आर्थराइटिस: एक ऑटोइम्यून बीमारी जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से जोड़ो की परत पर हमला करती है।

  • गाउट: रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से जोड़ो में क्रिस्टल बन जाते हैं, जिससे अचानक तीव्र दर्द और सूजन होती है।

  • एंकाइलोसिंग स्पोंडिलाइटिस: यह रीढ़ और कूल्हों के जोड़ो को प्रभावित करता है और अगर इलाज न हो तो रीढ़ की हड्डियां जुड़ जाती हैं।

  • सोरिएटिक आर्थराइटिस: यह सोरिएसिस से पीड़ित लोगों में पाया जाता है और यह टेंडन्स (मांसपेशी को हड्डी से जोड़ने वाले टिशू) और लिगामेंट्स (हड्डी को हड्डी से जोड़ने वाले टिशू) को प्रभावित करता है।

  • जुवेनाइल आर्थराइटिस: यह 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।

सोरिएटिक आर्थराइटिस कैसे बढ़ता है?

यह बीमारी आमतौर पर 40 से 50 वर्ष की उम्र के बीच होती है और पुरुषों तथा महिलाओं दोनों को समान रूप से प्रभावित करती है। यह बीमारी जनेटिक होती है, लेकिन संक्रमण या अन्य बाहरी कारण इसके ट्रिगर हो सकते हैं। इससे जोड़ो और त्वचा में सूजन और दर्द होता है।

सोरिएटिक आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण

  • जोड़ो में दर्द, सूजन और जकड़न, खासकर उंगलियों और पैर की अंगुलियों में, जो कभी दिखती है तो कभी गायब हो जाती है।

  • त्वचा पर लाल और चिपचिपे दाने, जिन पर चांदी जैसा सफेद परत हो। ये आमतौर पर सिर, कोहनी, घुटनों या कमर पर होते हैं।

  • नाखूनों में गड्ढे, मोटा होना, रंग बदलना या नाखून का पलटना।

  • अनियमित थकान और कमजोरी।

  • आंखों की सूजन, लालिमा, दर्द और धुंधली दृष्टि—यह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने का संकेत है।

  • कमर या पीठ में अनजाना दर्द।

सोरिएटिक आर्थराइटिस का निदा

डॉक्टर एक्स-रे, MRI और जोड़ो से स्राव लेकर जांच कर सकते हैं जिससे बीमारी की पुष्टि होती है।

जीवनशैली में बदलाव

  • जोड़ो पर दबाव कम करें, भारी वजन उठाने और उस जोड़ का अत्यधिक उपयोग करने से बचें।

  • धूम्रपान बंद करें क्योंकि यह जोड़ो को और नुकसान पहुंचाता है।

  • शराब का सेवन सीमित करें क्योंकि यह दवाओं के असर को कम कर सकता है।

सोरिएटिक आर्थराइटिस उतना प्रसिद्ध नहीं है जितना ऑस्टियोआर्थराइटिस या रूमेटोइड आर्थराइटिस, लेकिन इसका प्रभाव कम नहीं है। यह बीमारी धीरे-धीरे शुरू होती है और शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम ला सकता है। समय पर पहचान और इलाज से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसलिए यदि आप या आपके किसी करीबी में इसके लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।