नान घोटाला केस में रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को जमानत

By : hashtagu, Last Updated : October 17, 2025 | 11:24 am

रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाला (Nan Scam) केस में रिटायर्ड IAS अफसर आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को रायपुर की स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई है। दोनों अधिकारियों ने 22 सितंबर को ईडी की कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 16 अक्टूबर तक ईडी की कस्टडी में भेजा था। रिमांड खत्म होने पर दोनों को फिर से स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले में दोनों को बेल दे चुका था। अब 7 दिसंबर को ईडी अपनी चार्जशीट कोर्ट में पेश करेगी जिसके बाद केस की अगली सुनवाई होगी।

दोनों आरोपी अधिकारियों ने सरेंडर करने के लिए पांच दिन तक ईडी कोर्ट के चक्कर लगाए थे। ईडी के अधिकारियों की मौजूदगी में सरेंडर की प्रक्रिया पूरी हुई। इसके बाद दोनों को दिल्ली के ईडी हेड ऑफिस में पूछताछ के लिए ले जाया गया।

नान घोटाले की शुरुआत 2015 में हुई थी जब नागरिक आपूर्ति निगम में चावल, नमक और अन्य खाद्य सामग्री के परिवहन और भंडारण में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं। इन शिकायतों के बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू ने 12 फरवरी 2015 को नान मुख्यालय और 28 अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। रायपुर स्थित नान मुख्यालय से पौने दो करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी बरामद की गई और कुल 3.50 करोड़ रुपए जब्त किए गए। छापों के दौरान कई अहम दस्तावेज भी मिले। जांच पूरी होने के बाद एसीबी ने नान के मैनेजर समेत 16 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया और बाद में केंद्र सरकार की अनुमति के बाद आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ भी पूरक चालान दाखिल किया गया।

इस केस में हाईकोर्ट से आलोक शुक्ला को जमानत मिली थी लेकिन ईडी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ईडी ने बताया कि आरोपी जांच को प्रभावित कर रहे थे। जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने हाईकोर्ट की अग्रिम जमानत को रद्द करते हुए ईडी कस्टडी का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को चार हफ्ते ईडी की हिरासत में रहना होगा जिसके बाद ही उन्हें जमानत मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ईडी को तीन महीने और ईओडब्ल्यू को दो महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए।

आलोक शुक्ला उस समय खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव थे और अनिल टुटेजा नान के एमडी थे। फरवरी 2015 में जब आर्थिक अनियमितताओं का मामला सामने आया तो दोनों अफसरों को आरोपी बनाया गया। अब बेल मिलने के बाद अगली सुनवाई में ईडी चार्जशीट पेश करेगी जिसके बाद ट्रायल शुरू होगा।