शीतकालीन सत्र में नेशनल हेराल्ड मुद्दे पर तीखा टकराव, सदन दो बार स्थगित, 35 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट भी पेश
By : hashtagu, Last Updated : December 17, 2025 | 8:34 pm
By : hashtagu, Last Updated : December 17, 2025 | 8:34 pm
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन की शुरुआत नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भारी हंगामे के साथ हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने हाथों में ‘सत्यमेव जयते’ लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। स्पीकर ने तख्तियों के साथ सदन में बैठने की अनुमति नहीं दी, इसके बावजूद विपक्ष का विरोध जारी रहा। हालात इतने बिगड़ गए कि कार्यवाही को दो बार 10-10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
हर ज़ोर-जुल्म की टक्कर में
संघर्ष हमारा नारा है…एजेंसियों का दुरुपयोग कर एक दशक तक हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व की छवि धूमिल करने के बाद अब भाजपा बेनक़ाब हो चुकी है. कोर्ट ने ED को फटकारते हुए कह दिया है कि श्रीमती सोनिया गांधी जी, श्री राहुल गांधी जी सहित किसी पर भी नेशनल हेराल्ड… pic.twitter.com/tCA4Q5YGix
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 17, 2025
हंगामे के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर मंत्री अजय चंद्राकर ने कड़ा जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि तथ्यों के बिना लगाए गए आरोप जनता को गुमराह करने का प्रयास हैं।
विपक्ष की ओर से जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया, जिसे आसंदी ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सदन का माहौल और गर्म हो गया। विपक्षी सदस्य ‘सत्यमेव जयते’ के नारे लगाते रहे, जबकि सत्ता पक्ष ने ‘वंदे मातरम’ के नारों के साथ जवाब दिया। सदन में काफी देर तक शोर-शराबे का माहौल बना रहा।
प्रश्नकाल की कार्यवाही बाधित होने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि लोकहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा बाधित करना निंदनीय है। स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों को संसदीय मर्यादाओं का पालन करने की नसीहत देते हुए कहा कि वे नियमों और परंपराओं से भली-भांति परिचित हैं, इसके बावजूद इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।
इसी सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में 35,000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से ठीक तीन महीने पहले लाए गए इस बड़े बजट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट राज्य के विकास कार्यों को गति देगा। विधायक अजय चंद्राकर ने इसे छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट बताते हुए कहा कि राजस्व व्यय बढ़ाने की शुरुआत पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुई थी और धान खरीदी को राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया।
वहीं कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य लगातार कर्ज के बोझ में डूबता जा रहा है और ऐसे में वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन महीनों में 35 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाना समझ से परे है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में कोई स्पष्ट दृष्टि नजर नहीं आती। राघवेंद्र सिंह ने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली एक हजार रुपये की सहायता से अधिक राशि बिजली बिल के नाम पर वसूली जा रही है। उन्होंने सरकार पर काम से ज्यादा इवेंट मैनेजमेंट पर ध्यान देने का आरोप लगाया।
कांग्रेस विधायक ने यह भी कहा कि नई भर्तियों, नियमितीकरण और किसानों को समय पर भुगतान जैसे वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने सड़कों, किसानों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं के विकास के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय कर ठोस नीति के साथ काम करने की जरूरत बताई।
नेशनल हेराल्ड हमारा था, आजादी की लड़ाई में उसकी बड़ी भूमिका थी, उस अखबार को बचाने के लिए ‘यंग इंडिया’ के द्वारा सहायता दी गई.
वो हमारी संपत्ति थी, कांग्रेस की संपत्ति थी जो नेहरू जी, पंत जी, किदवई जी जैसे नेताओं ने स्थापित की थी.
भाजपा ने इसे बदनाम करने के लिए ED का दुरुपयोग… pic.twitter.com/3GpAsXEf0S
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 17, 2025