रायपुर में साहित्य जगत की क्षति: विनोद कुमार शुक्ल का निधन, CM साय और कुमार विश्वास ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
By : ira saxena, Last Updated : December 24, 2025 | 12:42 pm
रायपुर: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि, कथा और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla) का मंगलवार 23 दिसंबर की शाम को निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा राजधानी रायपुर के मारवाड़ी श्मशान घाट से शुरू हुई, जहाँ थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शैलेंद्र नगर स्थित उनके निवास से निकली अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पार्थिव देह को कंधा दिया। साथ ही प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास और अन्य साहित्यकार और नागरिक भी शामिल हुए। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और शोक व्यक्त किया।
विनोद कुमार शुक्ल लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज रायपुर के एम्स में चल रहा था। उनका निधन होने पर छत्तीसगढ़ में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम यात्रा से पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
VIDEO | Raipur: Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) pays last respects to renowned Hindi writer Vinod Kumar Shukla at his residence.
Eminent Hindi writer and Jnanpith Award recipient Vinod Kumar Shukla died on Tuesday evening due to age-related ailments at a government… pic.twitter.com/GNGT1DocOs
— Press Trust of India (@PTI_News) December 24, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल का हिंदी साहित्य में योगदान अमूल्य रहेगा और वे हमेशा याद किए जाएंगे।
कवि कुमार विश्वास ने विनोद कुमार शुक्ल के निधन पर कहा, “विनोद कुमार शुक्ल का निधन भारतीय कविता में एक युग का अंत है। खासकर 1970 के दशक में जन्मी पीढ़ी के लिए यह एक बड़ा नुकसान है। कविता की दुनिया ने अपूरणीय क्षति सहन की है। प्रधानमंत्री ने भी उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।”
विनोद कुमार शुक्ल की लेखनी ने हिंदी साहित्य को कई महत्वपूर्ण कृतियाँ दीं और उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
Raipur, Chhattisgarh: On the demise of renowned litterateur Vinod Kumar Shukla, Poet Kumar Vishwas says, “The demise of Vinod Kumar Shukla marks the end of an era in Indian poetry. Especially for the generation born in the 1970s… The world of poetry has suffered a loss, and the… pic.twitter.com/wZZc0Tzata
— IANS (@ians_india) December 24, 2025