छत्तीसगढ़। अपने धर्म और संस्कृति के प्रति मन में विलगाव के भाव पैदा हो गए थे। लेकिन एक फिर 11 सौ लोगों के मन फिर से आस्था जगी और अपने हिन्दू धर्म की ओर लौट पड़े। आखिरकार विधि-विधान से महासमुंद जिले के बसना नगर (Basna Nagar) में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन अपने (Hindu religion) हिन्दू धर्म मेंं शामिल हो गए।
इस दौरान कार्यक्रम संयोजक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, संपत अग्रवाल, आचार्य राकेश,कपिल शास्त्री, तारा कांत प्रधान,चतुर्भुज आर्य, वासुदेव शास्त्री,घनश्याम द्वीप,रामचंद्र अग्रवाल, प्रद्युमन सिंह के द्वारा बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज के उपस्थिति में ११०० लोगों की घर वापसी तांबे के पात्र में गंगा जल डाल कर पैरो को धुलवा कर करवाई गई। घर वापसी करने वाले लोगों को पंडित हिमांशु कृष्ण महाराज ने हिंदू धर्म की शपथ दिलाई,साथ ही उन्होंने कहा कि आज से आप सनातनी हैं, वहीं लोगों का कहना है कि वे सभी भटक गए थे, इसलिए उन्होंने धर्म छोड़ दिया था।
महासमुंद जिले के बसना नगर में सर्व समाज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति व बसना विधानसभा क्षेत्रवासियों एवं कार्यक्रम संयोजक व नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक व नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष डॉ.सम्पत अग्रवाल के द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दौरान गुरुवार को एक साथ लगभग ११०० लोगों ने ईसाई धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म में “घर वापसी” की है।
यह कार्यक्रम बसना नगर के दशहरा मैदान में कराया गया। जिसमें हिंदू रीति रिवाज के साथ हवन पूजन, शुद्धिकरण कराया गया और इसके बाद हिन्दू धर्म अपनाने के लिए शपथ दिलाई गई, इसके पश्चात् पंडितों ने मंत्र उच्चारण करते हुए सैकड़ों हिंदुओं की घर वापसी कराई।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने जय जय श्री राम के जयकारे के साथ अपने संबोधन में कहा कि सर्वप्रथम श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति को कोटि कोटि नमन करता हूं। जिन्होंने श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का भव्य आयोजन किया, आज इस कार्यक्रम के दौरान हमारे सनातन धर्म से जो अनेकों ग्रामों के लगभग ३२५ परिवारों के ११०० लोग बिछड़ गए थे। उन्हें पुनः सनातन धर्म में वापसी कराया गया, मेरे पुज्यनीय पिता जी दिलीप सिंह जूदेव के नेतृत्व में जो यह घर वापसी अभियान की शुरुआत किया गया है, उसे हम सब मिलकर आगे बढा रहे हैं। हिन्दू बचाना, हिन्दू बनाना मंदिर बनाने से भी बहुत बड़ा कार्य है। हिन्दूत्व राष्ट्रीयता का प्रतीक है। हम सब मिलकर हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करें।
ईसाई धर्म से वापस हिन्दू बने लोगों का कहना है कि वे सभी भटक गए थे, इसलिए उन्होंने अपने धर्म को छोड़ दिया था,लेकिन जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तब वे वापस हिन्दू धर्म में आ गए। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह आयोजन के दौरान धर्म वापसी कर हिन्दू बने लोगों को उत्तर प्रदेश बुलंदशहर के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित हिमांशु कृष्ण भारद्वाज महाराज ने अपना आशीर्वाद दिया, इसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाएं व पुरुष शामिल थे।