प्रदेश में समर्थन मूल्य पर हो चुकी ५० लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी
By : hashtagu, Last Updated : December 15, 2024 | 10:11 pm
प्रदेश में कुल २७.७८ लाख पंजीकृत किसानों में से अब तक १०.६६ लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है। इनमें २.९२ लाख लघु एवं सीमांत कृषक और ६.२६ लाख दीर्घ कृषक शामिल हैं। किसानों को उनकी फसल का भुगतान तेजी से किया जा रहा है। अब तक विपणन संघ द्वारा १०,७७० करोड़ रुपये की राशि अपेक्स बैंक को अंतरित की जा चुकी है। इसके तहत, संबंधित किसानों के बैंक खातों में नियमित रूप से राशि स्थानांतरित की जा रही है।किसानों की सुविधा हेतु उपार्जन केंद्रों पर माइक्रो एटीएम की व्यवस्था की गई है। साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
धान उपार्जन के लिए बारदानों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारत सरकार की नीति के अनुसार, पुराने और नए बारदानों का उपयोग ५०ः५० अनुपात में किया जा रहा है। प्रदेश में अनुमानित १६० लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन के लिए ४ लाख गठान नए बारदानों की आवश्यकता है, जिसमें से अब तक ३.६५ लाख गठान उपलब्ध कराए जा चुके हैं। शेष बारदान अगले १५-२० दिनों में प्राप्त हो जाएंगे।
अब तक पीडीएस बारदानों के रूप में ५४,१५३ गठान, मिलर बारदानों के रूप में १,४०,९२४ गठान और किसान बारदानों के रूप में १२,७४७ गठान उपयोग किए जा चुके हैं। सभी उपार्जन केंद्रों में बारदानों की कोई कमी नहीं है।
उपार्जित धान के संग्रहण और भंडारण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस वर्ष भंडारण क्षमता को बढ़ाकर ३७.२५ लाख मी.टन कर दिया गया है। जिन केंद्रों में भंडारण क्षमता से अधिक धान जमा हो रहा है, वहां परिवहन आदेश जारी कर निकटतम संग्रहण केंद्रों में धान का परिवहन किया जा रहा है। अब तक ९.०९ लाख मीट्रिक टन धान के परिवहन आदेश जारी किए जा चुके हैं।
कस्टम मिलिंग के लिए २१३३ मिलरों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से १६७२ राइस मिलरों का पंजीकरण हो चुका है। इन मिलरों को ३.३७ लाख मीट्रिक टन धान के वितरण आदेश जारी किए गए हैं।
धान उपार्जन में रिसाइक्लिंग रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है । अब तक ७३३ प्रकरण दर्ज कर ४१,३०३ क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है। सीमावर्ती जिलों में २७३ चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं, जहां नियमित निगरानी की जा रही है। नोडल अधिकारियों द्वारा उपार्जन केंद्रों पर भौतिक सत्यापन और पोर्टल पर डेटा अपलोड करने का कार्य भी जारी है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राइस मिलर और घोषित हड़ताल से वापस आ रहे हैं। राइस मिलों के पंजीयन, अनुमति अनुबंध एवं मिलिंग अनुबंध में लगातार वृद्धि हो रही है।
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