‘आखिर’ क्यों ‘राहुल’ की पोस्ट पर ‘भूपेश’ ने छेड़ी ‘शायरी’!

मुद्दे जो उठते एक बार सियासी गलियारों में वे थमने का नाम नहीं लेते। अगर सेना के सेनापति के हौंसले बुलंद हो तो सेना जीत हासिल कर ही लेती है।

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  • Updated On - April 8, 2023 / 09:06 PM IST

छत्तीसगढ़। मुद्दे जो ‘उठते’ एक बार सियासी गलियारों में वे थमने का नाम नहीं लेते। अगर सेना के सेनापति के हौंसले बुलंद हो तो सेना जीत हासिल कर ही लेती है। जी हां, कुछ ऐसे ही अंदाज में राहुल गांधी ‘मोदी-अडानी’ (Modi-Adani) के संबंधों के मुद्दे को लेकर देश के सामने उठा रहे हैं। भले ही इसके बदले उन्हें अपनी संसद से सदस्यता गंवा देनी पड़ी। लेकिन वे ‘न डरे, न ही डेरेंगे’ के नारे के साथ अपनी पार्टी को एक नई धार देने में जुटे हैं। अपनी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए नफरत और डर मिटाने के लिए देश के काेने-कोने में मुहब्बत का पैगाम ले गए। जहां उन्हें अपार सफलता मिली। नतीजा, केंद्र की सत्ता इनके ‘तेवर’ से खफा हाे गई। बावजूद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ‘मोदी-अडानी’ के सवाल पर मोदी को हर जगह घेरने और सवालों के कटघरे में खड़े करते दिख रहे हैं। यही कारण भी है कि लोग भी मोदी के सवालों के इंतजार कर रहे हैं।

कांग्रेस का कहना है कि ये सवाल ‘राहुल गांधी’ का नहीं, देश के हर एक आम आदमी का ‘सवाल’ है कि शैल कंपनियों के 20 हजार करोड़ रुपए कैसे अडानी के खाते में गए। बरहाल, इस सियासी घमासान के बीच आज राहुल गांधी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर एबीसी डी, जैसे कुछ शब्दों को मोदी-अडानी के फार्मूले को पोस्ट किया। फिर क्या था, छत्तीसगढ़ में अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से लोकप्रिय हो चुके भूपेश बघेल भी पीछे नहीं। उन्होंने राहुल के पोस्ट पर री ट्विट करते कुछ शब्द शायरना अंदाज में कहे। जिसे सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड मिल रहा है।

भूपेश ने लिखा, वो चलेंगे इधर-उधर और न जाने किधर-किधर, सच से डरने वाले फिराते रहते हैं नज़र इधर-उधर। सच्चाई छुपाते हैं, इसलिए रोज़ भटकाते हैं!सवाल वही है – अडानी की कंपनियों में ₹20,000 करोड़ बेनामी पैसे किसके हैं?।