ठगी का गजब खेल : सेल्समैन ऐसे बन गया सौ करोड़ कंपनी का मालिक
By : madhukar dubey, Last Updated : November 25, 2024 | 6:08 pm
कोरबा। देखते ही देखते दुकान में सेल्समैन का काम (work as a salesman in a shop)करने वाला अखिलेश सिंह 100 करोड़ से अधिक के टर्न ओवर वाले कंपनी का मालिक (Owner of a company with a turnover of more than Rs 100 crore)बन गया। कल तक 12वीं पास अखिलेश के इस कामयाबी की चर्चा रही और अब ठगी के मामले में गिरफ्तारी के बाद ठगी की परतें खुलती जा रही। पुलिस ने अखिलेश के अलावा छह ओर लोगों को नामजद आरोपित बनाया है। धोखाधड़ी की इस मामले में अभी ओर कई लोगों के नाम जुडेंगे।
इमलीडुग्गू निवासी फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश सिंह 38 वर्ष केवल 12वीं पास हैं और तीन साल पहले एक मनिहारी की दुकान में सेल्समैन के रूप में काम करता था। इसके बदले उसे महज 10 हजार रुपए वेतन मिलता था। कोरोना काल में नौकरी चली गई और वह बेरोजगार हो गया। इस दौरान उसने यू ट्यूब चैनल में फ्लोरा मैक्स तैयार किया और खुद मैदानी स्तर पर काम करते हुए गांव-गांव घूम कर महिलाओं को आजीविका से जोडऩे की मुहिम चलाई। वर्ष 2000 में पहली बार उसने उरगा व सेमीपाली गांव में 10-10 महिलाओं का दो समूह तैयार किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भरोसा दिला कर 30-30 हजार रूपये का लोन दिलाया। इस राशि फ्लोरा मैक्स कंपनी में निवेश किया। महिलाओं को लाभांश भी मिलने लगा। देखा- देखी उस क्षेत्र की महिलाएं फ्लोरा से जुडऩे लगी। एक साल के अंदर ही अखिलेश ने शहर के सिटी माल में 20 से 25 दुकानों को एक साथ किराए पर ले लिया और मार्ट की तर्ज पर कारोबार शुरू कर दिया।
ऐसा चला ठगी का खेल
कंपनी में निवेश करने वाली महिलाओं को यहां से कपड़े, खाद्य व सौंदर्य सामाग्री उपलब्ध कराया जाता था। कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए गए सामाग्री बेचने के एवज में महिलाओं को एक निश्चित राशि दी जाती थी। कंपनी की प्रसिद्धि बढ़ती गई और 37 हजार महिलाओं ने 110 करोड़ रूपये का निवेश किया। अचानक महिलाओं को निश्चित दिया जाने वाला राशि बंद हो गया और मामला पुलिस तक पहुंच गया। गिरफ्तार किए गए अखिलेश के बाद छह आरोपित अखिलेश के भाई राजू सिंह, भाभी गुडिया के साथ कंपनी को लीड करने वाली संतोषी साहू, तनिषा बघेल व बलराम ठाकुर को भी नामजद आरोपित पुलिस ने बना लिया है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपितों की भी पतासाजी की जा रही है।
कंपनी में ऐसे तो शीर्ष स्तर पर 60 से अधिक लोग सक्रिय थे, पर इसमें 10 टाप लीडर थे। जिनके बैंक खाता का उपयोग कंपनी की लेनदेन के लिए किया जा रहा था। ये लोग राशि संकलन करने वाले तीसरे चरण के लोगों से लेनदेन किया करते थे। इनमें छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है, पर चार ओर हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस ने जिन छह लोगों को नामजद आरोपित बनाया है, उनके अलावा चार ओर आरोपित हैं। नामजद किए गए आरोपितों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
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