रायपुर: बीजेपी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा 17 जनवरी को की जा सकती है। इस बीच, पार्टी के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन 16 जनवरी को रायपुर पहुंचेंगे और अगले दिन चुनाव प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े का भी दौरा होगा। इन दोनों के दौरे के बाद एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर निर्णय लिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, 18 जनवरी को छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा, और इसके बाद चुनावों की तिथियों का ऐलान भी किया जाएगा। इन चुनावों को देखते हुए नया प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के बाद उनके नेतृत्व में ही यह चुनावी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बीजेपी पार्टी छत्तीसगढ़ में अब पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त करने की तैयारी में है, जो आगामी चुनावों के लिए अहम साबित हो सकते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर पार्टी में चर्चाएं तेज हो गई हैं। राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्य के चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस पद के लिए कुछ वरिष्ठ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा, विक्रम उसेंडी और नारायण चंदेल प्रमुख हैं।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इस बार किसी ओबीसी वर्ग के वरिष्ठ नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है, ताकि आगामी चुनावों में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखा जा सके।
किरण सिंहदेव को राज्य सरकार में मंत्री बनाए जाने की चर्चा भी जोरों पर है। सिंहदेव पिछले 30 वर्षों से सक्रिय राजनीति में हैं और युवाओं के बीच उनकी काफी मजबूत पकड़ है। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 से 2014 तक जगदलपुर के महापौर भी रहे हैं। इसके अलावा, वह पहली बार विधायक बने थे। ऐसे में उनकी राजनीतिक वरिष्ठता और अनुभव को ध्यान में रखते हुए पार्टी उन्हें मंत्री बनाने पर विचार कर सकती है, खासकर यदि प्रदेश अध्यक्ष पद में कोई नई नियुक्ति की जाती है।
बीजेपी के निर्णय अक्सर चर्चाओं से अलग और चौंकाने वाले रहे हैं, ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी कोई अप्रत्याशित फैसला लिया जा सकता है। पार्टी ने हाल ही में 37 में से 33 जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है और कई नए चेहरों को जिम्मेदारी दी है। इसके साथ ही, मंडल अध्यक्षों के पद पर भी नए नेताओं को मौका दिया गया है। ऐसे में यह संभव है कि पार्टी किसी नए और युवा चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपे, जो आगामी चुनावों में पार्टी का नेतृत्व कर सके।
बीजेपी के इस बड़े फैसले को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर काफी हलचल मची हुई है, और अब सभी की नजर 17 जनवरी को होने वाली घोषणा पर है।