वैश्विक पर्यटन के क्षेत्र में ‘बस्तर मड़ई कॉन्सेप्ट’ की धूम! सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुरेंस’ भी पहुंचे….बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप जारी

By : madhukar dubey, Last Updated : September 2, 2024 | 11:31 pm

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है, प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर में प्रसिद्ध वॉटरफॉल्स, नैसर्गिक सुंदरता और घने जंगल के साथ-साथ चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, यहां के आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा काफी प्रसिद्ध है, यही वजह है कि जिला प्रशासन के द्वारा बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है, वही बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम (Collector Vijay Dayaram) ने बस्तर मढ़ई कॉन्सेप्ट (Bastar Madhai Concept) की शुरुआत की है,

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इस कॉन्सेप्ट के माध्यम से बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए और बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म सर्किट भी तैयार किया है, ताकि बस्तर पहुंचने वाले पर्यटक टूरिज्म सर्किट के माध्यम से बस्तर जिले के सभी पर्यटन स्थल घूमने के साथ ट्राइबल होमस्टे का भी लुत्फ उठा सके, साथ ही यहां के स्थानीय आदिवासियों से रूबरू हो सके, वही “द बस्तर मड़ई” के प्रचार प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से सोशल मीडिया इन्फ्लुरेंस बस्तर पहुंचे और यहां उन्होंने पिछले दो दिनों तक बस्तर भ्रमण किया और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य , ट्राइबल कल्चर और बस्तर के पर्यटन स्थलों को निहारने के साथ बस्तर की प्रसिद्ध गौर नाचा और परब नाचा का भी लुत्फ उठाया….

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  • बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम ने बताया कि बस्तर को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए “द बस्तर मंड़ई” जिसमें बस्तर की सांस्कृतिक विरासत ,नैसर्गिक सौंदर्य ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व को शामिल किया गया है, प्रशासन द्वारा बस्तर में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही “द बस्तर मड़ई” कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत हाल ही में बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप और थीम म्यूजिकल का भी विमोचन किया गया है, कलेक्टर ने बताया कि बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व के दौरान यहां निभाई जाने वाली 12 से भी अधिक अद्भुत रस्मों के साथ-साथ बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक और पुरातत्व स्थलों, एडवेंचर स्थल, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा “द बस्तर मड़ई” तैयार किया गया है,

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इसके तहत बस्तर में पर्यटकों का अन्य स्थलों का भ्रमण करने सहित देखने समझने का अवसर मिलेगा, उन्होंने बताया कि इस मौके पर बस्तर टूरिस्ट सर्किट मैप भी जारी किया गया है, जिसमें बस्तर जिले के 42 पर्यटन स्थलों की जानकारी और स्थलों की संक्षिप्त विवरण के साथ रूट चाट की भी जानकारी दी गयी है ,इसके अलावा यहाँ पहुँचने के लिए कनेक्टिविटी की भी पूरी जानकारी दी गई है, हमेशा से ही देखा गया है कि पर्यटक बस्तर के प्रसिद्ध दशहरा, चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर गुफा को देखने ही केवल आते थे इनमें परिवर्तन करते हुए बस्तर की अन्य खूबसूरती और सांस्कृतिक विरासत को भी दिखाने का प्रयास इस बस्तर मड़ई के माध्यम से किया जा रहा है……

सोशल मीडिया इनफ्लुरेंस ने बस्तर को खूब सराहा

इधर देश के विभिन्न क्षेत्रों से सोशल मीडिया इनफ्लुरेंस और युवाओं ने बस्तर की प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक और पुरातत्व स्थलों , पर्यटन स्थलों को देखने समझने के लिए अपार उत्साह दिखाया और बीते दो दिनों तक बस्तर के अनेक जगहों का भ्रमण किया, और बस्तर की खूबियों को अपने-अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रचार भी किया ,इस दौरान बादल ( बस्तर एकेडमी ऑफ डांस , आर्ट एंड लिटरेचर) में बस्तर की लोक संस्कृति की छठा भी देखने को मिली, जिसमें पारंपरिक लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक गौर नाचा, धुरवा लोक नृत्य, डंडारी लोक नृत्य, और परब नाचा को देखकर सोशल मीडिया इंफ्लूरेन्स मंत्रमुग्ध हो गए, इस दौरान सोशल मीडिया इंफ्लूरेन्स ने बस्तर को लेकर अपने अनुभव भी साझा किया और “द बस्तर मड़ई” को प्रमोट करने की बात कही, सोशल मीडिया इनफ्लुरेंस में मुख्य रूप से तीखी मिर्ची, शिवा टेल्स, फ़ूड ब्लॉगर से जुड़े युटयुबर्स भी बस्तर पहुंचे हुए थे….

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