आरक्षण के नारेबाजी पर भूपेश बोले, BJP समस्या का हल नहीं हुल्लड़ करना चाह रही
By : madhukar dubey, Last Updated : December 21, 2022 | 7:02 pm
सभा में नारेबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा के जो शीर्ष नेता हैं यहां छत्तीसगढ़ में वे मुख्यमंत्री को मुसवा, कुकुर, बिलई बोलते हैं, उसके बारे में कुछ बोलेंगे भारतीय जनता पार्टी के लोग। वहां आयोजक दु:खी हुआ कि मैंने आपको निमंत्रित किया और इस प्रकार से लोग नारेबाजी कर रहे हैं, यह बहुत खराब लगा। उन्होंने खेद व्यक्त किया।
जब मैं बोलने खड़ा हुआ तो चार-पांच लड़के खड़े हुए। मैंने उनको बुलाया भी कि आ जाओ यहां बात कर लेते हैं। दुनिया की कोई भी समस्या हो बातचीत से हल होती है। आपके पास कोई बात है तो आ जाओ बैठकर बात करते हैं। मैंने उन्हें मंच पर सादर आमंत्रित किया। वे नहीं माने तो क्या बोला मैं- मैं बोला कि शाम को जिस प्रकार से आवाज आती है उसी प्रकार की आवाज आ रही है। मैंने कहा कि आप हुल्लड़ करना चाहते हो, समस्या का हल नहीं चाहते।
मुख्यमंत्री ने कहा, अपनी बात अगर रखनी है तो भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में ५० से अधिक विधानसभा में मैं जा चुका हूं। सबके हाथ में माइक पहुंचता है। आरक्षण का सवाल कई बार उठाया गया। महासमुंद गया तो बहुत सारे एससी समाज के लोग सामाजिक रूप से मिलने आये तब या सार्वजनिक रूप से माइक में बात कही, मैंने भी अपनी बात रखी। बाबा साहब आम्बेडकर को तो सब मानते हैं ना, उन्होंने जो व्यवस्था बनाई है वही मैंने लागू किया। अगर जनगणना में एक प्रतिशत ज्यादा आए, दो प्रतिशत आए या फिर १० प्रतिशत आए मैं दूंगा।
यह बात मैं विधानसभा में भी बोल चुका हूं। यह सब कुछ भाजपा के इशारे पर हो रहा है। हमको पता है कि ऐसा क्यों कराया जा रहा है। भाजपा आरक्षण के विरोध में है। राजभवन को इन लोगों ने राजनीति का अड्डा बना रखा है। आदिवासियों को आरक्षण का लाभ मिलना था, नहीं मिल पा रहा है, पिछड़े वर्गों को नहीं मिल पा रहा है, १३त्न अनुसूचित जाति का बढ़ा दिया है उसको नहीं मिलने दे रहे हैं। श्वङ्खस् का ४त्न आरक्षण नहीं मिलने दे रहे हैं। दो तारीख से विधेयक पारित है आज २० तारीख हो गया क्यों नहीं करने दे रहे हैं। आज हाईकोर्ट से भर्ती का आदेश आ गया, यह किसका नुकसान हो रहा है। यहां के छात्र-छात्राआें को, युवाओं को नुकसान हो रहा है। ये लोग इसे राजनीति का अखाड़ा बनाकर रखे हैं।
केंद्र सरकार पर लगाया प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, जो भी खनिज का रायल्टी है वह राज्य सरकार को मिलता है। यह पूरे देश में सिद्धांत है। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने सारे कोल माइंस निरस्त कर दिये थे। जो प्राइवेट प्लेयर्स हैं उनपर पेनाल्टी लगाया गया था, यह २९५ रुपया प्रति टन के हिसाब से था। वह राशि करीब ४१४० करोड़ रुपए का है। भारत सरकार को अनेक बार पत्र लिखे।
केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। pic.twitter.com/fWBdrACvpb
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 21, 2022
कोयला मंत्री रायपुर आए थे तो उन्होंने इसको लौटाने की सैद्धांतिक सहमति भी दी। प्रधानमंत्री की उपस्थिति में नीति आयोग की बैठक हुई। निर्मला सीतारमण ने जो राज्य के वित्त मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, उसमें सहित अनेक मंचों पर हमने यह बात उठाई। उसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। भारत सरकार के साथ हमने अनेक पत्राचार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। रायल्टी हो या रायल्टी में पेनाल्टी यह राज्य सरकार का हक है। इसे देना ही चाहिए। इसीलिये मैं कहता हूं कि केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।