रायपुर। आरक्षण पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chief Minister Raman Singh) के बयान पर भूपेश ने भी सियासी मास्टर स्ट्रोक लगा दिया। रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित आंगनबाड़ी महिलाओं के आभार प्रकट कार्यक्रम में मुख्यमंत्री (Bhupesh) पहुंचे थे। यहां डॉ रमन और आरक्षण के मसले पर मुख्यमंत्री ने जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा, डॉक्टर रमन श्रेय ले रहे हैं कि जो 58 प्रतिशत आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे आया वो भाजपा की सरकार ने ही लागू किया था। इस पर भूपेश बघेल ने कहा- रमन सरकार ने घटिया काम किया। आरक्षण लागू किया, मगर रोस्टर का पता नहीं, कमेटी बनाई ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में उसकी कमेटी के तथ्यों को पेश करना था, कोर्ट में नहीं किया। उनकी गलतियों की सजा प्रदेश के युवाओं को भोगना पड़ा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब हमने सुप्रीम कोर्ट में प्रयास किया और अदालत ने निरस्त किया है। इसके बाद चैलेंज भरे अंदाज में भूपेश बघेल ने रमन सिंह के लिए कहा वो इतना ही श्रेय लेना चाह रहे हैं तो विधानसभा से पास विधेयक है, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं भाजपा के, राष्ट्रीय 9वीं अनुसूची में शामिल करवा दें, दूसरे के काम में अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, अपनी नाकामी को छिपा रहे हैं।
डॉ रमन ने आरक्षण के मसले पर कहा था कि 2012 में भाजपा की सरकार ने प्रदेश में जनसंख्या के आधार पर जो 58% आरक्षण देने का फैसला किया था उसे जारी रखने का अंतरिम आदेश देकर कल माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भाजपा सरकार की नीति को सही माना है। दाऊ ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर युवाओं का बहुत समय बर्बाद किया है। भाजपा सरकार ने पहले ही बहुत गंभीरता से विचार कर 58% आरक्षण लागू किया था और आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर मुहर लगाकर युवा साथियों के लिए भर्ती के रास्ते खोल दिए हैं। इस 58% आरक्षण में बाधक बनने वाली कांग्रेस सरकार की सच्चाई। अब युवाओं के सामने है।
मंगलवार को NCP प्रमुख पद से महाराष्ट्र के नेता शरद पवार ने इस्तीफा दे दिया। इसपर बघेल ने कहा, बहुत ही वरिष्ठ राजनेता हैं। मुख्यमंत्री रहे, केंद्रीय मंत्री रहे उनके समकालीन कम ही राजनेता देश में बाकी है, जो राजनीति में सक्रिय हैं। वह अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं। किन कारणों से इस्तीफा दिया, इसकी वजह से मुझे जानकारी नहीं है।
आंगनबाड़ी आभार सम्मेलन को लेकर सीएम बघेल ने कहा, पिछले सरकार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केवल 5000 रुपए मिलता था, वह अब 10,000 हो गया है। जो मिनी आंगनबाड़ी हैं उन्हें 7 हजार 500 हो गया, मितानिनों को अब 2200 रुपए हर महीने मिलेगा। इससे हमारे स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा और कुपोषण के खिलाफ अभियान में सहयोग मिलेगा। ये राशि परिवार चलाने में सहायक होती है।
सरकार का महिलाओं ने आभार जताया। साइंस कॉलेज मैदान में आभार उत्सव में इन बहनों ने नृत्य के जरिए जमकर अपनी खुशी व्यक्त की। खुशी से थिरकते इन बहनों ने कहा मान बढ़ाया आपने आपका आभार, छत्तीसगढ़ सरकार भरोसे की सरकार। अब सेवानिवृत्त होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 50 हजार रुपए तथा सहायिका को 25 हजार रुपए की राशि मिलेगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मासिक मानदेय की राशि 6500 रुपये बढ़ाकर 10 हजार रुपये, आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3250 से बढ़ाकर 5 हजार रुपये और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4500 से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति माह करने की घोषणा सरकार ने की थी। प्रदेश भर में संचालित 46 हजार 660 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत बहनें लाभांवित होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए मितानिन बहनों के योगदान देखते हुए को राज्य मद से 2,200 रूपए प्रतिमाह देने की घोषणा की गई है।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)