मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में ठेकेदारों का बड़ा खेल ? ऐसे पकड़ में आई काली करतूत
By : madhukar dubey, Last Updated : November 13, 2024 | 4:21 pm
बिलासपुर। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना(Chief Minister School Jatan Yojana)के तहत शासकीय स्कूल भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण व रिपेयरिंग कार्य केवल कागजों में ही पूरा हुआ है। भौतिक सत्यापन के दौरान गठित टीम को 78 स्कूलों में कार्य अपूर्ण या गुणवत्ताहीन(Work in 78 schools is incomplete or of poor quality) मिला, जबकि ठेकेदार ने अपनी पेश रिपोर्ट में कार्य को पूरा बताया था। कलेक्टर ने अनियमितता पाए जाने पर ठेकेदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कागजों में कार्य पूर्ण बताकर राशि निकालने वाले ठेकेदारों से रकम वसूल की जाएगी और उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना
मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत यह सुनिश्चित किया गया कि स्कूल भवनों का निर्माण, बच्चों के बैठने के लिए अतिरिक्त कक्षों का निर्माण और मरम्मत कार्य अच्छे से हों ताकि बच्चों को पढ़ाई के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। कई स्कूलों भवनों का निर्माण हुआ तो कुछ के लिए अतिरिक्त कक्ष बनाए गए। वही छत का प्लास्टर गिरने और पानी रिसाव की शिकायतों के बाद रिपेयरिंग कराई गई थी। सत्यापन में पता चला कि ठेकेदारों ने केवल खानापूर्ति की है। अधिकारियों से मिलीभगत कर अपूर्ण कार्य को पूर्ण दिखाते हुए राशि का आहरण कर लिया गया।
ठेकेदारों पर कार्रवाई के निर्देश
जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी का पता चलने के बाद कलेक्टर ने आयुक्त नगर निगम, आरईएस के कार्यपालन अभियंता और संबंधित सीएमओ को कार्रवाई का आदेश दिया है। दोषी निर्माण एजेंसी और ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही निर्माण कार्य के नाम पर निकाली गई राशि की वसूली भी की जाएगी।
सबसे ज्यादा गड़बड़ी मस्तूरी ब्लाक में जांच
टीम की अगुवाई में स्कूल भवनों की रिपेयरिंग जांच के दौरान पता चला कि मस्तूरी ब्लाक के 48 स्कूल ऐसे हैं जहां कार्य को पूर्ण बताकर भुगतान प्राप्त कर लिया गया। वहीं तखतपुर ब्लाक में 14 स्कूल, कोटा ब्लाक में 11 और बिल्हा ब्लाक में नौ स्कूल ऐसे मिले जहां समस्या जस की तस थी, लेकिन कागजों में कार्य को पूर्ण बता दिया गया था।
इन स्कूलों में पाई गईं खामियां
केस 1- शासकीय जनपद प्राथमिक शाला बम्हनीखुर्द बिल्हा ब्लाक में स्कूल की छत व बरामदे में रिपेयरिंग और निर्माण कार्य तीन लाख 84 हजार रुपये में किया गया था। जांच टीम ने सत्यापन किया तो पता चला कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता का अभाव है और बरामदे की छत का प्लास्टर गिरा हुआ था।
केस 2- तखतपुर के तुर्काडीह प्राथमिक शाला (ईडीयू) में 11 लाख 30 हजार की लागत से भवन का निर्माण हुआ था। मौके पर जांच करने पर टीम को छत में सीपेज की समस्या मिली।
केस 3- कोटा शासकीय माध्यमिक शाला भवन में परिवर्तन एवं परिवर्धन कार्य रानीबछाली में चार लाख 62 हजार की लागत से किया गया। जांच में गुणवत्ता का अभाव पाया गया।
केस 4- मस्तूरी ब्लाक के प्राथमिक शाला, सबरियाडेरा (सोन) में अतिरिक्त कक्ष निर्माण का ठेका 8आठ लाख 32 हजार में हुआ, परंतु फर्श का कार्य अधूरा था।
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