भाजपा संगठन बड़े बदलाव की राह पर : मंडल से लेकर जिला अध्यक्ष के चुनाव की ये रणनीति
By : madhukar dubey, Last Updated : December 23, 2024 | 9:01 pm
रायपुर/ भाजपा के संगठन चुनाव में मंडल अध्यक्षों के चुनाव(Election of Mandal Presidents in BJP’s organization elections) के बाद अब सोमवार से जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इस समय मंडल अध्यक्षों का चुनाव चल रहा है। अब तक साढ़े तीन सौ से ज्यादा मंडलों के अध्यक्षों का चुनाव हो गया है।
सभी स्थानों पर सर्वसम्मति से ही अध्यक्ष बनाए गए हैं। रविवार तक सभी मंडलों के अध्यक्षों का चुनाव हो जाएगा। 476 में से 440 मंडलों का ही अभी चुनाव होगा, बचे मंडलों का चुनाव बाद में होगा।
सभी 35 जिला संगठनों में नए अध्यक्ष बनाने का फैसला
प्रदेश संगठन ने अपने सभी 35 जिला संगठनों में नए अध्यक्ष बनाने का फैसला (Decision to appoint new presidents in 35 district organizations)किया है। यहां पर एक नाम पर सहमति बनाकर सर्वसम्मति से चुनाव होगा। कहीं भी मतदान की स्थिति आने ही नहीं दी जाएगी। भाजपा के संगठन चुनाव बीते माह से चल रहे हैं। सबसे पहले प्रदेश के 24 हजार से ज्यादा बूथों में बूथ कमेटियों का गठन किया गया है। एक-एक बूथ में 25-25 सदस्यों की कमेटी बनी है। किसी बूथ में अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं कराया गया, सभी स्थानों पर सहमति से अध्यक्ष बने हैं। इसके बाद मंडल अध्यक्षों का भी चुनाव लगातार सर्वसम्मति से हो रहा है। मंडलों से लिए तीन-तीन नामों का पैनल तय करने के बाद एक नाम पर सहमति बनाकर मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। बचे मंडलों के लिए भी यही किया जा रहा है। करीब 35 मंडलों में अलग-अलग कारणों से अभी चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।
रायशुमारी कर बनेंगे जिलाध्यक्ष
प्रदेश संगठन ने अपने सभी 35 संगठन जिलों में नए अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। प्रदेश में 33 जिले हैं, लेकिन भाजपा के इससे दो ज्यादा संगठन जिले हैं। रायपुर में जहां रायपुर शहर और ग्रामीण जिला है, वहीं दुर्ग में भिलाई अलग जिला है। जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए जिलों के मंडलों की संख्या के हिसाब से मतदाता तय होते हैं।
रायपुर में अब 20 मंडल अध्यक्ष होंगे
जैसे रायपुर में अब 20 मंडल हो गए हैं तो यहां पर एक मंडल अध्यक्ष और एक मंडल प्रतिनिधि को मिलाकर 40 मतदाता हैं। मतदान की स्थिति में इनको ही मतदान का अधिकार होगा, लेकिन संगठन किसी भी हाल में मतदान नहीं चाहता है। तीन-तीन नामों का पैनल बनेगा। इसके बाद जिलों में रहने वाले प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों, सांसद, विधायकों से रायशुमारी करके एक नाम तय किया जाएगा और बचे दावेदारों को तय नाम पर सहमत कराया जाएगा।
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