रेप केस के बाद भी प्रत्याशी कैसे बना – भाजपा हाईकमान सकते में, कई स्टार प्रचारक प्रचार से दूर
By : vinay shukla, Last Updated : December 1, 2022 | 5:47 pm
विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के निधन से खाली भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के लिए 5 तारीख को वोटिंग होगी। कांग्रेस ने दिवंगत विधानसभा उपाध्यक्ष की पत्नी सावित्री मंडावी को प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक ब्रम्हानंद नेताम को टिकट दी है। नामांकन दाखिले के बाद नेताम के खिलाफ झारखंड के जमशेदपुर के एक थाने में नाबालिग से रेप केस दर्ज होने का खुलासा हुआ है।
यह मामला वर्ष-2019 का है। नेताम, और उनके सहयोगियों से पूछताछ के लिए झारखंड पुलिस भानुप्रतापपुर पहुंची है। दूसरी तरफ, प्रत्याशी के खिलाफ रेप केस होने का खुलासा होने के बाद भाजपा के अंदरखाने में खलबली मची हुई है। चुनाव में यह मुख्य मुद्दा बना हुआ है। हालांकि प्रदेश के नेता प्रत्याशी का बचाव करते हुए प्रचार कर रहे हैं, और उनके खिलाफ रेप केस को राजनीतिक षडय़ंत्र करार दे रहे हैं। इससे परे पार्टी के शीर्षस्थ नेता इस बात से हैरान है कि इतने गंभीर प्रकरण होने के बाद भी स्थानीय नेताओं ने नेताम को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश कैसे कर दी?
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ओडिशा के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए जाते वक्त केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर रायपुर में कुछ देर के लिए रूके, तो उनके स्वागत के लिए पहुंचे नेताओं से एक ही सवाल था कि पूर्व विधायक पर रेप केस था, तो प्रत्याशी कैसे बन गया? तोमर ने एक अन्य नेता से केस की विस्तार से जानकारी ली। उनके स्वागत के लिए प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव भी पहुंचे थे, लेकिन तोमर असहज थे और उनसे ज्यादा कोई चर्चा किए ओडिशा के लिए निकल गए।
इसके बाद केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान रायपुर आए, तो उनका भी मुड बिगड़ा हुआ था। चर्चा है कि उन्होंने नवा रायपुर के एक होटल में पार्टी के एक सीनियर नेता से इसकी जानकारी ली। यही नहीं, ओडिशा की भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी कुछ देर के लिए रायपुर में रूकी, तो उन्होंने प्रत्याशी चयन को लेकर सांसद सुनील सोनी से बात की। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश प्रभारी ओम माथुर तो इतने खफा हैं कि उन्होंने भरी बैठक में प्रदेश महामंत्री (संगठन) पवन साय को खूब फटकार भी लगाई। माथुर इस बात से खिन्न थे कि प्रत्याशी के नाम की सिफारिश करने से पहले पूरी जांच पड़ताल क्यों नहीं की।
माथुर को भानुप्रतापपुर जाना था, लेकिन वो नहीं गए, और अपना दौरा अधूरा छोड़कर दिल्ली चले गए। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को प्रचार के लिए आना था, लेकिन उनका आना भी टल गया है। बहरहाल, चुनाव नतीजे चाहे जो भी हो, पार्टी नेतृत्व प्रत्याशी चयन की जवाबदेही तय कर सकता है।
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