सूरजपुर। (Corona period, where people get oxygen) कोरोनाकाल में जहां लोगों ऑक्सीजन के लिए भटक रहे थे। उस दौर में स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने आपदा में भ्रष्टाचार करने का अवसर खोज लिया। उसने एक फर्जी कंपनी बनाकर उसे ऑक्सीजन के नाम से 83 लाख रुपए के भुगतान का आदेश जारी कर दिया। लेकिन कहते हैं कि पाप का घड़ा तो फूटता है ही, बरहाल, अब पूरा मामला खुलने पर कानूनी फांस में फंस गए हैं। इतना ही नहीं इनके पांच और लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार सूरजपुर के पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रणसाय सिंह (Former Chief Medical and Health Officer Dr. Ranasay Singh) व स्वास्थ्य विभाग के दो कर्मचारियों समेत 5 लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज हुआ है।
लेकिन बाद में डॉ. सिंह ने अन्य कर्मचारियों ने आशीष बोस नाम के व्यक्ति के साथ मिलकर षड़यंत्र करते हुए यूनिक इंडिया के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर उसे साढ़े 83 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया. मामले में डॉ. सिंह, कर्मचारी जेम्स बेक, विजय सिंह, सकिरण सिंह और आशीष बोस के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है।
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