CG- Mega Story : JP नड्डा दे गए टॉरगेट मिशन ‘पंचायत-निकाय’ चुनाव ?, इस फार्मूले पर BJP और कांग्रेस का सियासी फंडा

By : hashtagu, Last Updated : December 15, 2024 | 1:30 pm

रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे पर पार्टी के पदाधिकारियों और विधायकों को त्रि-स्तरीय और नगरीय निकाय (Three-tier and urban bodies) में चुनावी जीत का लक्ष्य तय कर दिया है। सूत्रों के अनुसार जेपी नड्डा ने कहा कि साय सरकार के एक साल पूरा होने पर डबल इंजन सरकार के मिल रहे फायदे को जनता को बताया जाए। साथ ही बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय किया जाए। इसके साथ ही पंचायत और नगरीय निकायों के सियासी लड़ाकों की टीम में युवाओं को महत्व देने पर जोर दिया है। इसमें साफ स्वच्छ छवि वालों को ही मौका देने की बात कही है। संगठन के पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संसद से लेकर गांव तक की पार्लियामेंट पर भाजपा का झंडा फहराना है। इसी तर्ज पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव सिंह ने भी साफ कर दिया है कि पंचायत और निकाय चुनाव की तैयारी को गंभीरता से लेना है।

  • भाजपा इस बार पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव में किसी भी तरह से हल्के में लेने के मूड में नहीं है। यही कारण भी है कि पार्टी ने ये साफ संदेश दिया है कि किसी भी सूरत में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया से समझौता नहीं किया जाएगा। ऐसे में दावेदार भले ही अपनी तैयारी में लगे हैं, लेकिन उन्हें यह पता है कि पार्टी का जो निर्देश मिलेगा, वह उन्हें स्वीकार करना ही होगा। ये दीगर है कि कोई भले ही पार्टी कैडर से अलग चुनाव लड़े, पर उसको पार्टी का समर्थन नहीं मिलेगा। बहरहाल, निकाय और पंचायत चुनाव को पूरी तरह से भाजपा पार्टी कैडर मान कर तैयारी में जुटी है। इसमें इस बार भाजपा के सदस्यता अभियान में बड़ी भागीदारी निभाने वालों को इस स्थानीय चुनाव में मौका दिया जाएगा।

वरिष्ठ नेताओं की चिंता-निकाय चुनाव में बीजेपी का बड़ा दांव

छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनावों की हलचल तेज हो चुकी है। इस बार मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि बीजेपी ने बनाई है। एक नई रणनीति युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी तो क्या इस बार चुनाव में नई लहर देखने को मिलेगी चलिए। आपको बताते हैं इस बड़ी खबर के हर पहलू को। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार निकाय और पंचायत चुनावों में नए और युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी कर रही है। हाल ही में हुई बीजेपी की मैराथन बैठक के बाद ये इशारे साफ साफ मिल रहे हैं। पार्टी की इस नई रणनीति का मकसद है, युवाओं को राजनीति में सक्रिय करना और आम कार्यकर्ताओं का उत्साह बनाए रखना।

  • लेकिन इस नई रणनीति के साथ एक बड़ा खतरा भी मंडरा रहा है। जी हां, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जो अब तक टिकट के दावेदार माने जा रहे थे, अब वे इस फैसले से नाराज हो सकते हैं। पार्टी को इस नाराजगी का भी डर है और यही वजह है कि निगम-मंडल में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों को टाल दिया गया है, ताकि असंतुष्ट नेताओं को मनाया जा सके।
    अब, कांग्रेस की भी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने पंचायत और निकाय चुनावों की रणनीति बनाने के लिए अपने जिला और शहर अध्यक्षों की बैठक बुलाई है।

कांग्रेस ने चला ये दांव

इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने निगमों में प्रभारी और नगर पंचायतों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बूथ से लेकर ब्लॉक तक के हर पद को जल्द से जल्द भरने की कोशिश में जुट गई है। इस बीच, राज्य सरकार ने भी चुनाव से पहले की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई है। आरक्षण लॉटरी के जरिए तय किया जाएगा और जहां एससी-एसटी की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक होगी, वहां ओबीसी का आरक्षण नहीं होगा।

इस सब के बीच सबसे बड़ी खबर ये है की 20 दिसंबर के बाद कभी भी आचार-संहिता लगाई जा सकती है। चुनाव आयोग 20 दिसंबर के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। अनुमान है कि पंचायत और निकाय चुनाव 4 से 5 चरणों में कराए जाएंगे और ये चुनाव बजट सत्र से पहले पूरे कर लिए जाएंगे। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ये चुनाव नाक की लड़ाई बन गई हैं।
तो अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी के नए युवा चेहरे जनता का दिल जीत पाएंगे। क्या कांग्रेस की रणनीति रंग लाएगी या फिर चुनावी खेल में कुछ और नया देखने को मिलेगा? आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज होने वाली है।

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