छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को दी जमानत

By : dineshakula, Last Updated : April 15, 2025 | 2:16 pm

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथित छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने प्रक्रिया में हुई खामियों और लंबी अवधि तक जेल में रहने को आधार बनाते हुए यह आदेश पारित किया।

अनिल टुटेजा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 44 के तहत दर्ज शिकायत के आधार पर 21 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया गया था। मामले में विशेष अदालत ने 5 अक्टूबर 2024 को संज्ञान लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 2 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा विशेष अदालत के संज्ञान लेने के आदेश को इस आधार पर निरस्त कर दिया गया था कि सीआरपीसी की धारा 197 (भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 218 के समकक्ष) के तहत आवश्यक अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी।

पीठ ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के उक्त आदेश को चुनौती नहीं दी गई है, इसलिए वर्तमान में कोई संज्ञान आदेश अस्तित्व में नहीं है। कोर्ट ने कहा, “अपीलकर्ता लगभग एक वर्ष से जेल में है। मामले में 20 से अधिक अभियुक्त हैं और अभियोजन पक्ष ने 30 से अधिक गवाहों का उल्लेख किया है।” कोर्ट ने इस मामले में अधिकतम सज़ा का भी उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट के ‘सेंथिल बालाजी मामले’ में निर्धारित सिद्धांत लागू होते हैं, जिनमें लंबे समय तक संज्ञान के अभाव में जमानत देने की बात कही गई है। पीठ ने यह भी नोट किया कि 12 फरवरी 2025 को इसी प्रकार के मामले में सह-अभियुक्त को भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि टुटेजा बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके द्वारा जांच और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है। इस आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि टुटेजा को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और एक वचनपत्र देना होगा कि भविष्य में यदि विशेष अदालत मामले का संज्ञान लेती है तो वे न्यायालय की कार्यवाही में नियमित रूप से उपस्थित होंगे तथा मामले के शीघ्र निपटारे में सहयोग करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तत्काल धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 43(1) के तहत विशेष अदालत के गठन के लिए सत्र न्यायाधीश की नियुक्ति करने का निर्देश भी दिया है, क्योंकि वर्तमान में यह पद रिक्त है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि टुटेजा को संबंधित जिला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए ताकि जमानत की औपचारिकताएं पूरी की जा सकें। साथ ही कहा कि यदि भविष्य में टुटेजा द्वारा विशेष अदालत के साथ सहयोग नहीं किया जाता है, तो अभियोजन पक्ष उनकी जमानत रद्द कराने की याचिका दायर कर सकता है।

यह फैसला सार्वजनिक पदाधिकारियों के खिलाफ विशेष कानूनों के तहत मामलों में प्रक्रिया अनुपालन की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप माना जा रहा है।