छत्तीसगढ़। आखिरकार, आज वो पल भी आ गया, जब (Bhupesh) भूपेश सरकार के 4 साल पूरे हो गए। इसके उपलक्ष्य में गौरव दिवस पर आज मुख्यमंत्री भूपेश ने विकास कार्यों की घोषणा करनी शुरू की तो यह तय हो गया, अब सौगातों की बारिश से (Chhattisgarh) छत्तीसगढ़ के विकास को एक नई ऊंचाई मिलेगी।
गौरतलब है कि बीते सालों में भूपेश सरकार जिस अंदाज से विकास कार्य किए हैं, उसकी प्रशंसा प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में हो रही है। यही कारण भी था, इनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस प्रचंड बहुमत आई। लेकिन अगले साल एक और अग्नि परीक्षा से कांग्रेस गुजरेगी। वैसे कामकाज और जमीनी स्तर पर हुए काम का डंका पूरे देश में बज रहा है। लिहाजा, आने वाले चुनावी दंगल में कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर देगी। लेकिन आज भूपेश बघेल ने तीन बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट आईटीआई योजना के लिए 12 सौ करोड़ रुपए और शालाओं और इनके छात्रावासों, शासकीय भवनों के उन्नयन के लिए 1 हजार करोड़ खर्च करने की घोषणा की।
ये सभी की गई घोषाणाओं की पीछे भूपेश की सोच वास्तव में काबिले-ए-तारीफ है। क्योंकि शिक्षा और तकनीकी के बलबूते ही किसी सक्षम राज्य की कल्पना साकार हो सकती है। शिक्षा के उजियारे से गांवों में पढ़ी लिखी पीढ़ी की नर्सरी तो तैयारी होगी। साथ ही इन्हें तकनीकी रूप से समक्ष बनाने में आईटीआई सेक्टर कारगर साबित होगा। वैसे तो विकास की रोशनी भूपेश की निगहबानी में गांवों तक पहुंच चुकी है। जिसे और धार के लिए उन्होंने गौरव दिवस पर विकास के सौगातों की झमाझम बारिश की कराई। इसके कहने का तात्पर्य है कि जिस तरह से उन्होंने आज एक के बाद एक प्रदेश की जनता को सौगातें दी हैं। उससे जाहिर है छत्तीसगढ़ के विकास को एक नई बुलंदी मिलेगी। वे सत्ता में गढबो नवा छत्तीसगढ़ के नारे के साथ आये, जिसे वे पूरा करते दिख रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में ३३ करोड़ ९६ लाख रुपए की लागत के १४ कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। उन्होंने इनमें से ३० करोड़ १३ लाख रुपए की लागत के १२ कार्यों का भूमिपूजन और ३.८३ करोड़ रुपए की लागत के दो कार्यों का लोकार्पण किया। इसमें नवा रायपुर में ४.८६ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले संत शिरोमणी गुरू घासीदास बाबा स्मारक एवं संग्रहालय का भूमिपूजन के साथ ही दुर्ग जिले के ग्राम परसदा में ९.३९ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले अनुसूचित जाति(प्रयास) वर्ग के विद्यार्थियों के लिए स्कूल सह कोचिंग केन्द्र भवन, बेमेतरा जिले के साजा में १.५२ करोड़ रुपए की लागत से ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, मुंगेली जिले के बरमपुर में ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास, लागत १.५२ करोड़ रुपए शामिल हैं।
इसके अलावा मझगांव में ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, लागत १.५२ करोड़ रुपए, लोरमी में ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, लागत १.५२ करोड़ रुपए, लोरमी में ही ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या आश्रम, लागत १.६२ करोड़ रुपए, फास्टरपुर में ५० सीटर पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास, लागत १.९१ करोड़ रुपए, लोरमी में ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास, लागत १.५२ करोड़ रुपए, रायपुर के मंदिर हसौद में ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, लागत १.५२ करोड़ रुपए, रायपुर जिले के भिलाई में ५० सीटर प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, लागत १.५२ करोड़ रुपए और कबीरधाम जिले के ग्राम डबराभांठ में १.६२ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ५० सीटर अनुसूचित जाति कन्या आश्रम का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री ने बेमेतरा के साजा में ५० सीटर पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास, लागत १.९१ करोड़ रुपए और राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव में १.९१ करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले ५० सीटर पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास का लोकार्पण किया।
‘न्याय के चार साल’ पुस्तक राज्य सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियों और जनहितकारी फैसलों पर केन्द्रित है। इस पुस्तक में छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजना के साथ अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की जानकारी शामिल है। इसी प्रकार ‘न्याय के रास्ते-सबके वास्ते’ पुस्तक शासन के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पर केन्द्रित है। इस पुस्तक में योजना का नाम, उद्देश्य, शर्त, पात्रता, प्रावधान एवं सम्पर्क सूत्र की जानकारी दी गई है, ताकि इसको पढ़कर लोग संबंधित विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर योजना का लाभ उठा सके और अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सके। छत्तीसगढ़ सरकार के न्याय के संकल्प को जन-जन पहुंचाने के उद्देश्य से जनसंपर्क विभाग द्वारा इन पुस्तिकों का प्रकाशन किया गया है, ताकि लोगों को शासन के सभी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी हो, और वे उनका लाभ उठाकर अपने जीवन स्तर को बेहतर बना सके।