कांग्रेस बोली, केंद्र सरकार नहीं दे रही ‘धान खरीदी’ का एक रुपया
By : madhukar dubey, Last Updated : January 18, 2023 | 9:34 pm
मोदी जी का धन्यवाद किस बात के लिए करें ?
– किसानों को 2500/क्विंटल समर्थन मूल्य न देने की धमकी देने के लिए
– किसानों को बोनस के पैसे न देने के लियेभाजपा के पास किसानों के लिए न कोई योजना है न ही कोई विजन है – @drshivdahariya जी #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/gbdIUIli33
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कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, १७ दिसम्बर को भूपेश बघेल की सरकार के चार साल पूरा होने पर चर्चा किया था। ठीक एक महीना बाद इस सरकार का सबसे बड़ा काम, हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि आपके सामने है। सरकार ने एक सुव्यवस्थित योजना के तहत १०१ लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी कर ली है। लक्ष्य हमारा ११० लाख मीट्रिक टन का है। समय सीमा के भीतर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेंगे। लगभग २१ हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को अब तक दी जा चुकी है।
भाजपा किसानों के लिए सिर्फ घोषणाएं करती है काम नहीं, मोदी जी की सरकार बनने पर 2100 रुपये समर्थन मूल्य की बात कहने वाले, किसानों को बोनस की रकम भी न दे सके, किसानों की बढ़ती आत्महत्या ही भाजपा शासन की उपलब्धि थी – @drshivdahariya जी #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/D2oshy1wGE
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रविंद्र चौबे ने कहा, जब हमारी सरकार ने २५०० रुपया क्विंटल में धान खरीदना शुरू किया तो पहली बार केंद्र से आपत्ति आई कि अगर हमने मिनिमम सपोर्ट प्राइज से एक रुपया भी अधिक दिया तो छत्तीसगढ़ का चावल नहीं लिया जाएगा। मैं खुद खाद्य मंत्री के साथ केंद्र सरकार की बैठकों में शामिल था। वहां केंद्र सरकार ने कहा था, छत्तीसगढ़ के किसानों को मिनिमम सपोर्ट प्राइज से एक रुपया भी ज्यादा नहीं मिलना चाहिए। उसी बैठक में हमारे मुख्यमंत्री जी ने कहा, हमारा कमिटमेंट है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को २५०० रुपये से एक रुपया भी कम नहीं देंगे। यही डिस्प्यूट था। उसके बाद हमने अलग योजना बनाई और अपने किसानों को लगातार पैसा देते रहे।
मेरी @BJP4CGState अध्यक्ष @ArunSao3 जी से अनुरोध है कि वे धान खरीदी के बारे में अपनी जानकारी दुरुस्त करें, सिस्टम को जानें, समझें, फिर अपनी बात कहें, वे एक जिम्मेदार पद में हैं – श्री मोहम्मद अकबर#धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/msb6b8kWF8
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वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव जी का बयान मैंने पढ़ा। उन्होंने कहा, भारत सरकार के पैसे से धान खरीद रहे हैं और फोकट का चंदन घिस रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष को धान खरीदी के सिस्टम को समझने की जरूरत है। धान खरीदी का सिस्टम यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने २२ हजार करोड़ का कर्ज लिया है मार्कफेड के जरिये। १२ हजार करोड़ की बैंक गारंटी राज्य सरकार की है। बाकी जो पैसा है वह बिना गारंटी का है।
इन दोनों कर्जों में अंतर यह है कि राज्य सरकार की गारंटी पर दशमलव पांच प्रतिशत ब्याज कम लगता है। धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार से एक रुपया भी नहीं मिलता। मोहम्मद अकबर ने कहा, कांग्रेस ने २५०० रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी का कमिटमेंट था। पहले साल यानी २०१९ में हमने २५०० के हिसाब से सीधे भुगतान किया। तब भारत सरकार ने अड़ंगा लगाया कि यदि समर्थन मूल्य से अधिक में खरीदी होगी तो हम आपका चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा नहीं लेंगे।
भाजपा के 15 सालों में और हमारी सरकार के 4 सालों में हुई धान खरीदी के आंकड़ों की तुलना करें तो आपको जमीन आसमान का अंतर नजर आएगा, भाजपा जितना धान खरीदी किया करती थी उतना चावल तो हम सेंट्रल पूल में जमा करते हैं – श्री @amarjeetcg #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/GTm9zxjOo4
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धान खरीदी में केंद्र की भूमिका समझाई
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने धान खरीदी में केंद्र सरकार की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की सरकार हर साल २० से २५ हजार करोड़ का कर्ज लेती है। इसी से धान खरीदी होती है, बारदाने की व्यवस्था होती है, परिवहन होता है, कस्टम मीलिंग होती है, उसके बाद उतना चावल भारतीय खाद्य निगम में जमा होता है, जितना कोटा हमको मिलता है। शेष चावल नागरिक आपूर्ति निगम में जमा होता है। उसके बाद धान खरीदी के खर्चे का पूरा हिसाब भारत सरकार को जमा करते हैं तो उतनी ही राशि हमको दी जाती है।
उसमें भी खरीदी की राशि केवल समर्थन मूल्य के हिसाब से ही मिलती है। २५०० रुपए से अंतर की राशि जो देना है वह राजीव गांधी किसान न्याय योजना के नाम से सभी किसानों को दिया जाता है। यह पूरी रकम राज्य सरकार देती है। प्रति एकड़ नौ हजार रुपए के हिसाब जब किसानों को देते हैं तो प्रति क्विंटल पड़ता है ६०० रुपए। पिछली बार जब किसानों ने धान बेचा तो उनको मिला था २५४० रुपया। इस साल जो बेचे हैं, उनको मिलेगा २६४० रुपया प्रति क्विंटल।
प्रदेश के पंजीकृत कुल 24,91,000 किसानों में से अब तक लगभग 22,48,000 किसान, 100 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान बेच चुके हैं, इसके एवज में उन्हें अब तक ₹21,000 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है – श्री @amarjeetcg #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/okfLWn9PX3
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सरकार का मुख्य काम किसानों की मदद करना
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, हमसे कई गुना बड़ा राज्य है, मध्य प्रदेश। वहां एक करोड़ ३३ लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी होती है। हम उससे एक तिहाई हैं, लेकिन एक करोड़ १० लाख मीट्रिक टन का हमारा लक्ष्य और उससे पहले ही एक करोड़ एक लाख मीट्रिक टन की खरीदी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। धान इस प्रदेश की इकोनॉमी का बेस है और सरकार का मुख्य काम है किसानों की मदद करना।
अमरजीत भगत ने कहा, किसी भी प्रदेश के कृषि सेक्टर के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि और आश्वस्ति वाला आंकड़ा है। भाजपा सरकार के समय धान खरीदी का जो सर्वाधिक रिकॉर्ड था, उतना तो हम अब चावल जमा कर रहे हैं। उस समय पंजीकृत किसानों की संख्या १२ से १५ लाख के बीच रहा है। हमारे समय में २४ लाख से अधिक हो गया है। छत्तीसगढ़ सरकार का काम बोल रहा है।
मध्यप्रदेश हमसे तीन गुना बड़ा राज्य है, गेहूं वहां की मुख्य फसल है उसके बाद भी वे सिर्फ 133 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करते हैं, हम छोटे राज्य होकर भी सिर्फ 4 सालों में ही 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने वाले है – श्री @RChoubeyCG #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/mVaRCkfVn7
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डहरिया बोले, मोदी जी को क्यों धन्यवाद कहें?
नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने कहा, धान खरीदी की शुरुआत भी कांग्रेस की सरकार ने ही किया। भाजपा ने झूठी घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं किया। १५ हजार से अधिक किसानों ने भाजपा के शासनकाल में आत्महत्या की। हमारी चार साल की सरकार में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं किया है।
विगत 4 वर्षों में हमने छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के नए आयाम स्थापित किए हैं, अब तक हमने 1 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर ली है, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है – श्री @RChoubeyCG #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/o2AuOCu4I2
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ये हमारी उपलब्धि है। मोदी जी को क्या इसलिए धन्यवाद दें कि वे धमकी देते हैं कि किसानों को बोनस दिया तो आपका चावल नहीं लेंगे। केंद्रीय पुल की राशि हमें नहीं मिलती तो क्या इसलिए उनको धन्यवाद दें। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, किसानों के लिए जो कुछ भी हो रहा है वह कांग्रेस सरकार कर रही है। भाजपा ने केवल झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं दिया है।
भाजपा की 15 सालों की सरकार में किसान खेती-किसानी छोड़ने को मजबूर थे, लेकिन हमारे इन 4वर्षों में ही छत्तीसगढ़ के किसानों में समृद्धि आई है, कल तक घाटे का सौदा समझे जानी वाली कृषि, आज कांग्रेस सरकार में फायदे का सौदा साबित हो रही है – श्री @MohanMarkamPCC #धानवान_छत्तीसगढ़🌾 pic.twitter.com/SGzuIirnay
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