कोर्ट परिसर बना भालू का बसेरा, वन कर्मी पर जानलेवा हमला

न्यायालय परिसर में एक बार फिर भालू घुस आया है। बुधवार को भालू न्यायालय परिसर में दाखिल हुआ था, लेकिन रात में भाग निकला। गुरुवार की सुबह

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  • Updated On - November 7, 2024 / 08:59 PM IST

कांकेर। न्यायालय परिसर में एक बार फिर भालू घुस आया है। बुधवार को भालू न्यायालय परिसर(court complex) में दाखिल हुआ था, लेकिन रात में भाग निकला। गुरुवार की सुबह होते ही भालू फिर से लौट आया। भालू ने एक वनकर्मी को घायल भी कर दिया है। जिला न्यायालय परिसर में घुसे भालू ने एक वनकर्मी पर हमला(Bear attacked a forest worker) कर घायल कर दिया।

गनीमत रही कि अन्य मौजूद वनकर्मियों ने भालू को खदेड़ा नहीं तो कोई अप्रिय घटना हो सकती थी। दो दिनों से भालू के कोर्ट परिसर के भीतर मौजूद होने से लोगों में दहशत है। न्यायालय परिसर के ठीक सामने कलेक्ट्रेट सहित विभिन्न विभागों के दफ्तर हैं। कांकेर नगर चारों तरफ से पहाडिय़ों और जंगलों से घिरा हुआ है। यही वजह है कि यहां जंगली जानवरों का आतंक लगातार बना हुआ है। आए दिन भालू, तेंदुआ जैसे जंगली जानवर रिहायसी इलाकों में पहुंच रहे हैं। भोजन, पानी की तलाश में भटकने के दौरान यह जंगली जानवर लोगों पर हमला भी कर रहे हैं।
कांकेर नगर के आसपास के जंगलों में कई भालू हैं। जंगलों में छोटी छोटी डबरी बनाई गई है, लेकिन इसमें पानी की कमी रहती है। फलदार वृक्षों की संख्या भी जंगलों में घट रही है। लिहाजा भोजन पानी की तलाश में भालू जंगल से रिहायशी इलाके का रुख करते हैं।

जामवंत परियोजना : कांकेर नगर के आसपास शिवनगर-ठेलकाबोड की पहाडिय़ों में 2014-2015 में 30 हजार हेक्टेयर भूमि में वन विभाग ने भालू विचरण और रहवास क्षेत्र बनाया था। जिसका नाम जामवंत परियोजना दिया गया था। इस परियोजना के तहत अमरूद, बेर, जामुन जैसे फलदार वृक्ष लगाना था। वन विभाग ने फलदार पौधे तो लगाए लेकिन कोई भी फल देने लायक नहीं बन पाया। अब भालुओं को शहर की तरफ भोजन के लिए आना पड़ता है।

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