बिना अनुमति प्रदर्शन: BJP कार्यकर्ताओं पर ‘FIR’
By : madhukar dubey, Last Updated : February 19, 2023 | 12:12 pm
पुलिस अफसरों ने हर जिले में केस दर्ज करने की पुष्टि की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोगों के खिलाफ कितनी एफआईआर हुई हैं। मिली जानकारी के अनुसार बड़े जिलों में एक-एक दर्जन तथा अन्य जिलों में तीन से पांच तक एफआईआर दर्ज की गई हैं।
इनमें पार्टी के अधिकांश बड़े नेताओं के नाम हैं, हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। दरअसल, भाजपा ने बस्तर संभाग के अलग- अलग जिलों में पार्टी के चार पदाधिकारियों की हत्या के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार के खिलाफ पार्टी ने राज्य के 78 विधानसभाओं मं एक साथ 400 स्थानों पर चक्का जाम किया। चक्का जाम मंडल स्तर पर किया गया था इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रदेश भर के अलग- अलग थानों में केस दर्ज किए जा रहे हैं।
रायपुर में 11 मामले
रायपुर में भाजपा ने सभी 16 मंडलों के मुख्य मार्गों पर चक्काजाम किया। इनके खिलाफ राजधानी के 11 थानों में केस दर्ज किए गए हैं। हर थाने में धारा 341 और धारा 147 के तहत लगभग एक दर्जन मामले दर्ज किए गए हैं। रायपुर में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में इसी तरह थानों में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
बिलासपुर में 3 केस
बिलासपुर शहर के तीन अलग-अलग थानों में केस दर्ज किए गए हैं। रतनपुर, हिर्री व सकरी थाने की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आरोपी बनाया है। इनके खिलाफ भी पुलिस ने धारा 147, 341 के तहत कार्रवाई की है। चक्काजाम मस्तूरी, सीपत, बिलासपुर, बिल्हा, हिर्री भोजपुरी टोल प्लाजा, कोटा विधानसभा, रतनपुर, तखतपुर समेत 8 स्थानों पर किया गया था।
भिलाई में 5 मामले
दुर्ग जिले के पांच थानों में पुलिस ने भाजपा के भिलाई और दुर्ग जिलाध्यक्षों समेत 450 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा 147 और 341 लगाई गई है। सर्वाधिक 400 लोगों पर केस खुर्सीपार पुलिस ने बनाया है। इसके अलावा दुर्ग कोतवाली, कुम्हारी थाना, पुरानी भिलाई थाना समेत आउटर के थानों पर भाजपाइयों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
थाने से मुचलका, साधारण जुर्माना और सजा अधिकतम एक माह
क्रिमिनल लायर विशाल शुक्ला के अनुसार- किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकने या रास्ता बाधित करने पर आईपीसी की धारा 341 के तहत केस दर्ज किया जाता है। अगर रास्ता रोकने वाले आरोपियों की संख्या 6 से ज्यादा हुई तो साथ में धारा 147 भी लगाई जाती है, जिसका संबंध बलवे से है। प्रदर्शनकारियों पर पूरे प्रदेश में इन्हीं दोनों धाराओं पर केस दर्ज किया गया है। यह दोनों धाराएं थाने से जमानती है अर्थात पेश होने पर पुलिस गिरफ्तार कर थाने से मुचलके पर रिहा कर सकती हैं। इन धाराओं में साधारण जुर्माना और अधिकतम एक महीने की सजा का ही प्रावधान हैं।