छत्तीसगढ़ में 16 और 17 जुलाई को स्वास्थ्य सेवाएं रहेंगी प्रभावित, NHM के 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मी जाएंगे हड़ताल पर
By : ira saxena, Last Updated : July 13, 2025 | 11:00 am
रायपुर: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अंतर्गत कार्यरत 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 16 और 17 जुलाई को दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी। इन कर्मचारियों में डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब और एक्स-रे टेक्नीशियन, काउंसलर, एएनएम, कार्यालय स्टाफ और सफाई कर्मी शामिल हैं। इस हड़ताल के चलते टीबी, मलेरिया, कुष्ठ, टीकाकरण, स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, नवजात शिशु देखभाल केंद्र, पोषण पुनर्वास केंद्र, बुजुर्गों की फिजियोथेरेपी और आयुष्मान केंद्रों में ओपीडी जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। चूंकि राज्य में कुल स्वास्थ्य कर्मियों का लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा NHM के संविदा कर्मचारी हैं, ऐसे में उनकी अनुपस्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।
कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मेरी ने बताया कि ये संविदा कर्मी बीते 20 वर्षों से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं और केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें आज तक सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा नहीं दी गई। पड़ोसी राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में NHM कर्मियों को बेहतर वेतनमान, दुर्घटना बीमा, चिकित्सा सुविधा और अनुकंपा नियुक्ति जैसे लाभ मिल रहे हैं, परंतु छत्तीसगढ़ में यह सुविधाएं नहीं दी जा रहीं।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा जारी किए गए ‘मोदी की गारंटी’ नामक घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने का वादा किया गया था, लेकिन सरकार बनने के बाद इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे पहले 2017 में भाजपा सरकार और फिर 2020 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी आंदोलन हो चुके हैं, परंतु कर्मचारियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। कर्मचारियों का कहना है कि कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी रहीं।
इस आंदोलन के तहत 10 जुलाई से प्रदर्शन की शुरुआत हो चुकी है। 10 जुलाई को स्थानीय विधायकों को ज्ञापन सौंपा गया, 11 जुलाई को भाजपा जिला अध्यक्षों को ज्ञापन दिया गया, और 12 से 15 जुलाई तक कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर काम किया। 16 जुलाई को सभी जिलों में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, और 17 जुलाई को राजधानी रायपुर में विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि महामारी के समय अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा देने वाले कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है। कर्मचारियों ने बताया कि अब तक 100 से अधिक बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन मिले हैं, कोई ठोस निर्णय नहीं। यदि इन सबके बाद भी सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकार की होगी। कर्मचारियों ने प्रदेश की जनता से असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए सरकार से जल्द समाधान की मांग की है।


