रायपुर (छत्तीसगढ़) । जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो चुनाव के बाद भी आम जनता के बीच उसी मनोभाव के साथ नजर आए, जैसा वह निर्वाचित होने से पहले दिखते रहते हैं। आमतौर पर होता यह है कि निर्वाचित होने के बाद जनप्रतिनिधियों से मिल पाना आसान नहीं होता। इसे लेकर ही जनप्रतिनिधियों व जनता के बीच की दूरी बढ़ने लगती है।इस मिथक को तोड़ते हुए रायपुर उत्तर विधानसभा के विधायक पुरन्दर मिश्रा (MLA Purandar Mishra) ने अपनी विधायकी के चंद महीनों में ही साबित कर दिया है कि वे जनता के प्रति कितना जवाबदेह हैं और लगातार अपने क्षेत्र के वार्डों का दौरा कर उन लोगों से मिल रहे हैं,जो आज तक अपने पूर्व विधायकों से मिले तक नहीं थे। पुरन्दर मिश्रा उन तंग गलियों में जा रहे हैं,जहाँ कोई जनप्रतिनिधि वोट मांगने तक नहीं जाता।
निश्चित तौर पर जनता के प्रति जवाबदेह और राजनीति को व्यवसाय न बनाने वाला जनप्रतिनिधि ही क्षेत्र के विकास के प्रति गंभीर हो सकता है और निश्चित रूप से इस पैमाने में पुरन्दर मिश्रा पूरी तरह से फिट बैठते हैं।सुबह अपने कार्यालय में लोगों से मिलने-जुलने के पश्चात दिन भर पार्टी बैठकों व प्रशासनिक काम काज निपटाने के बाद रोज शाम को निर्धारित एक वार्ड में बगैर कोई ताक-झाँक के निकल पड़ते हैं और क्षेत्र के लोग विधायक के रूप में जब मिश्रा जी को अपने बीच पाते हैं तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता।
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