नक्सल ऑपरेशन के दौरान बीजापुर में IED विस्फोट, DRG जवान घायल

सुरक्षा बलों के अनुसार, इससे पहले 24 अप्रैल को भी एक STF जवान को आईईडी धमाके के चलते टखने में मोच आई थी। उसकी भी स्थिति अब सामान्य है।

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  • Publish Date - April 26, 2025 / 04:19 PM IST

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शनिवार को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान एक जिला रिजर्व गार्ड (DRG) का जवान आईईडी विस्फोट (ID explosion) में घायल हो गया। यह विस्फोट उस समय हुआ जब सुरक्षा बल की टीम कर्रेगुट्टा, दुर्गमगुट्टा और पुजारीकांकेर के पहाड़ी क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चला रही थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह अभियान पिछले छह दिनों से छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के पास नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा है, जिसमें लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। शनिवार सुबह एक प्रेशर आईईडी विस्फोट में DRG का एक जवान मामूली रूप से घायल हो गया। उसे मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया और अब उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

सुरक्षा बलों के अनुसार, इससे पहले 24 अप्रैल को भी एक STF जवान को आईईडी धमाके के चलते टखने में मोच आई थी। उसकी भी स्थिति अब सामान्य है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारे सुरक्षा बल भीषण गर्मी और कठिन हालात में नक्सलियों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ रहे हैं।” उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प लिया है और सरकार उसी दिशा में काम कर रही है।

यह अभियान बस्तर क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा प्रतिरोधी अभियान माना जा रहा है, जिसमें DRG, बस्तर फाइटर्स, STF, CRPF और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से भाग ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि इलाके में करीब 500 से अधिक माओवादी कैडर, जिनमें शीर्ष कमांडर हिडमा और दामोदर शामिल हैं, छिपे हुए हैं।

गुरुवार को इसी अभियान में कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में तीन महिला नक्सली मारी गईं थीं और भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटक बरामद किए गए थे।

अब तक 2024 से लेकर अब तक राज्य में 144 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 128 केवल बस्तर संभाग में मारे गए हैं। यह क्षेत्र PLGA बटालियन नंबर-1 का गढ़ माना जाता है, जो माओवादियों की सबसे सशक्त सैन्य इकाई है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह अभियान टेस्ट मैच की तरह लंबा चलेगा, हर दिन बड़ी खबर नहीं आएगी, लेकिन अंत में परिणाम हमारे पक्ष में होंगे।”

अभियान के दौरान ड्रोन और हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है, वहीं गर्मी और थकावट के चलते कुछ जवानों को डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक की शिकायत के बाद अस्पताल भेजा गया है।