‘जिंदगी और मौत’ की जंग में फंसे परिवार में सिर्फ बेटी बची

जाको राखे सांइया मार सके न कोय वाली कहावत एक बेटी ने सच कर दिखाया।

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  • Updated On - December 30, 2022 / 04:17 PM IST

छत्तीसगढ़। जाको राखे सांइया मार सके न कोय वाली कहावत एक बेटी ने सच कर दिखाया। पूरा परिवार मौत के गाल में समा गया। वाक्या ये है, छत्तीसगढ़ के (Sarangarh-Bilaigarh) सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के टीमरलगा गांव में एक खदान (mine) में कार उछल कर पानी में समा गई। इसमें पांच लोग सवार थे। कार के डूबने के बाद 4 लोग मौत के मुंह में समा गए। सिर्फ 15 साल की बेटी ने तैरकर खुद की जान बचा ली। इसके साहस की दाद देनी होगी। उसने हिम्मत नहीं हारी और आने-जाने वाले लोगों को हादसे की सूचना दी। जिस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया। जिसमें 4 लोगों के शव बरामद किए गए।

जानकारी के अनुसार हादसे में अकेली बची लड़की को मामूली चोट आई है। उसके मुताबिक कार से परिवार के ५ लोग ओडिशा से वापस टीमरलगा गांव लौट रहे थे। तभी रास्ते पर पत्थर खदान में कार जा गिरी। इस घटना में लड़की तैरकर बाहर निकल आई। फिर राहगीरों की मदद से इस हादसे की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचकर पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

पुलिस ने पहले तो सरपंच के पिता का शव बरामद किया। फिर गोताखोरों की मदद से ३ और लोगों की लाश निकाल ली गई। टीमरलगा के सरपंच महेंद्र पटेल अपने माता-पिता, पत्नी और १५ वर्षीय बेटी के साथ ओडिशा से लौट रहे थे। तभी ये हादसा हो गया। टीमरलगा के सरपंच महेंद्र पटेल अपने माता-पिता, पत्नी और १५ वर्षीय बेटी के साथ ओडिशा से लौट रहे थे। तभी ये हादसा हो गया।