Inside Story : महिला ‘आरक्षण बिल’ से ‘छत्तीसगढ़’ लोकसभा की 3 और विधानसभा में 29 सीटें होंगी आरक्षित!
By : hashtagu, Last Updated : September 19, 2023 | 3:05 pm
- प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पेश करते हुए कहा, “महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी कुछ प्रयास हुए हैं। 1996 में इससे जुड़ा बिल पहली बार पेश हुआ था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण का बिल पेश किया गया।लेकिन उसे पार कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और सपना अधूरा रह गया। महिलाओं को अधिकार देने के और ऐसे कई पवित्र काम के लिए ईश्वर ने मुझे चुना है।
मोदी ने कहा,एक बार फिर हमारी सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाया। कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी गई। आज 19 सितंबर की ये तारीख इसीलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है।ये बहुत ज़रूरी है कि नीति निर्धारण में शारी शक्ति अधिकतम योगदान दे। महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। आज नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के रूप में देश के इस नए बदलाव का आह्वान किया है।
- उन्होंने कहा,हमारी सरकार संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर रही है। इसका लक्ष्य लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। हम नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश कर रहे हैं।बता दें कि इस विधेयक के लागू हो जाने के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिला जनप्रतिनिधियों का बोल बाला रहेगा।छत्तीसगढ़ में 90 सीट हैं।जहाँ अब महिलाओं का प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद 29 सीट आरक्षित हो जाएगी।लोकसभा में 11 सीट है इसमें भी 3 सीट महिलाओं के लिए अनिवार्य हो जाएगा। मोदी ने महिलाओं पर फ़ोकस कर कहा,सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास को हम बल दें।
महिला सशक्तीकरण की हमारी हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं। लोकतंत्र में राजनीति, नीति और शक्ति का इस्तेमाल समाज में प्रभावी बदलाव का एक बहुत बड़ा माध्यम होता है।इस विधेयक को मोदी सरकार का ठीक चुनावों के पहले मास्टर स्टोक के रूप में देखा जा रहा है।
इनपुट (बृजेश सतपथी)
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