रायपुर। राजनीति का यही दस्तूर है की जब मौका मिले तो मत चूको। कुछ ऐसा ही हाल कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव का हो गया है, जहां दांवपेंच की राजनीति के चलते उलझी है। यानी झारखंड के एक गैंगरेप के मामले की केस डायरी में बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मनंद नेताम का नाम उजागर होने के बाद उनकी गिरफ्तारी पर बवाल मचा है। झारखंड की पुलिस ने उनके नोटिस भी चस्पा कर दिया। उन्हें थाने बुलाकर जवाब देने के लिए कहा है। लेकिन वे नहीं गए। बीजेपी ने उनके दिनभर के चुनावी दौरे की सूची भी जारी कर दी। इन घटना क्रम में अब एक नाटकीय मोड़ आ गया है। क्योंकि इसी गैंगरेप के मामले में प्रदेश कांग्रेस के प्रेसिडेंट मोहन मरकाम पीड़िता का नाम उजागर करने पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने जिले के एसपी को पत्र भेजकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। भला इस नाटकीय मोड़ पर बीजेपी कहां चुप रहने वाली थी। ऐसे में भाजपा के विधि विभाग प्रमुख नरेश गुप्ता ने कहा, नोटिस के बाद आखिर पुलिस क्यों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर कार्रवाई नहीं कर रही है।
इस कारण हो रहा उप चुनाव
आपको बता दें की इस सीट से विधायक रहे मनोज मंडावी का निधन कुछ दिन पूर्व हुआ था। इसके बाद यहां उप चुनाव कराने की नौबत आई। यहां से इनकी पत्नी सावित्री मंडावी को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। 5 दिसंबर को यहां मतदान होगा।