‘चुनाव’ से पहले ‘शराबबंदी’!, मंत्री ‘लखमा’ ने खोले राज

अपने शराब बंदी (liquor ban) के घोषणापत्र को लेकर कांग्रेस (Congress)  घिरी है।

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  • Updated On - March 9, 2023 / 08:38 PM IST

छत्तीसगढ़। शराबबंदी (liquor ban) को लेकर कांग्रेस (Congress)  घिरी है। यही वजह है कि जल्द ही शराबबंदी लागू करने की तैयारी में भूपेश (Bhupesh) सरकार है। इसके मद्देनजर बिहार एक टीम रवाना हो गई है। इसके बाद यही टीम मिजोरम भी जाएगी। जहां अध्ययन करने के बाद उसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसके बाद मूलभूत बिंदुओं को शामिल कर शराबबंदी की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। बहरहाल, अभी ये प्रारंभिक प्रक्रिया है।

आज कवासी लखमा ने कहा कि शराबबंदी के लिए अन्य राजनीतिक दलों में भारतीय जनता पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी जैसे दलों ने आज तक कोई सहयोग नहीं दिया। अन्य दलों ने नाम तो दिए, लेकिन अफसरों के फोन करने पर गुजरात जाने के लिए तैयार नहीं हुए। लेकिन हमारे पार्टी के विधायक साथी अपने होली त्योहार को छोड़कर बुधवार शाम दिल्ली रवाना हो गए और फिर वहां से पटना गए। 12 मार्च की शाम वे वापस आएंगे।  13 मार्च को विधानसभा है।

कवासी लखमा ने कहा कि मिजोरम में एक ब्लॉक में शराब बंद है, तो दूसरे ब्लॉक में शराब चालू है। ठीक उसी तरह एक पंचायत में शराबबंदी है, तो दूसरे पंचायत में उस पर प्रतिबंध नहीं है। इन्हीं योजना और रणनीति का अध्ययन करने टीम बिहार के बाद मिजोरम जाएगी।

शराबबंदी पर बस्तर में अलग कानून होंगे

मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शराबबंदी को बस्तर संभाग में किस तरह लागू किया जाएगा, ये कैसे होगा, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। बिहार के बाद टीम को मिजोरम भी जाना है। उसके बाद सामने आए निष्कर्षों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बस्तर के बारे में बताते हुए कहा कि वहां के लोग देवी-देवता की पूजा-पाठ शराब के बिना नहीं करते। जिसके चलते बस्तर के नियम अलग होंगे। वहां शराब का बंद होना पंचायत तय करेगा। वहां पांचवीं अनुसूची का क्षेत्र है। इसका निर्णय स्थानीय आदिवासी करेंगे।

(इनपुट) भोजेंद्र वर्मा