खास है माड़ागांव, यहां तीसरी बार निर्विरोध चुने गए पंच-सरपंच…

By : hashtagu, Last Updated : February 10, 2025 | 3:17 pm

रायपुर। ग्रामीण भी विकास को लेकर सजग हैं. ऐसे में चुनाव के बाद कोई विवाद ना हो केवल विकास हो इसलिए माड़ागांव(Madagaon) में लगातार तीसरी बार पंच-सरपंच(Panch-Sarpanch for the third time) निर्विरोध चुने गए हैं. यही नहीं पांचवीं बार जनपद क्षेत्र से निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुए हैं।

माली समाज के प्रमुख नीलकंठ ने की पहल

निर्विरोध पंच-सरपंच चुने जाने की परंपरा की शुरुआत पंडरा माली समाज के मुखिया नीलकंठ बीसी के 2005 में निर्विरोध निर्वाचित होने के साथ हुई थी. नीलकंठ बीसी के पिता सम्पूर्ण चंद बीसी 1985 से तीन मर्तबा निर्विरोध सरपंच रहे हुए है. उनके निधन के बाद नीलकंठ को समाज ने सभापति बनाया.

माड़ागांव के अलावा ब्लॉक के 20 से ज्यादा गांव में माली समाज के 30 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. दबदबा ऐसा कि पंचायती चुनाव से लेकर सांसद चुनाव में तक इस समाज की तूती बोलती है. सामाजिक एकता ऐसी कि मुखिया के इशारे पर राजनीतिक पार्टियों के वोट समीकरण बदल जाते हैं।

गरियाबंद। ग्रामीण भी विकास को लेकर सजग हैं. ऐसे में चुनाव के बाद कोई विवाद ना हो केवल विकास हो इसलिए माड़ागांव में लगातार तीसरी बार पंच-सरपंच निर्विरोध चुने गए हैं। यही नहीं पांचवीं बार जनपद क्षेत्र से निर्विरोध सदस्य निर्वाचित हुए ह योजना में बात हो रहा है देवभोग जनपद के माड़ागांव पंचायत की, जहां अगले पांच सालों के लिए ग्रामीणों की सहमति से एससी वर्ग के अशेष सोनवानी निर्विरोध सरपंच चुने गए हैं. 2010 में एसटी सीट आरक्षण के बाद चुनाव हुआ था, जबकि 2005 से अब तक कुल 4 बार सरपंच-पंच निर्विरोध चुन कर आते रहे हैं. यही नहीं पांच सालों के लिए माड़ागांव जनपद क्षेत्र के सदस्य के तौर पर सर्व सम्मति से पद्मालया निधि को चुना गया है।

तीसरी बार जनपद अध्यक्ष बनने की कवायद

समाज ने 2005 में जितेंद्र निधि को निर्विरोध जनपद सदस्य बनाया. इसके बाद राजनीतिक समीकरणों को जोड़ते हुए जनपद अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे. 2010 में नीलकंठ की धर्मपत्नी यशोदा बीसी की निर्विरोध जनपद सदस्य बना कर फिर से जनपद की सत्ता हासिल कर लिए.

तीसरी बार बहू संगीता बीसी को, तो चौथी पंचवर्षीय बेटे तेजराज बीसी को निर्विरोध जनपद सदस्य बनाया गया. माली समाज की इस परंपरागत सीट पर इस बार सुशील निधि की पत्नी पद्मालया निर्विरोध जनपद सदस्य चुनी गई हैं. इसके बाद जनपद अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने का गुणा-भाग भी शुरू कर दिया गया है।

सामंजस्य से होता है सर्वांगीण विकास

नीलकंठ बीसी हर बार किसी न किसी रूप में पंचायत में शामिल रहते है. इस बार वार्ड 9 से निर्विरोध पंच हैं. उपसरपंच की हैसियत से दूसरी बार पंचायत सत्ता में सहभागिता निभाएंगे. नीलकंठ बीसी का मानना है कि मतदान से मनमुटाव बढ़ जाता है. हारा हुआ प्रत्याशी पंचायत के कार्यकाल में बार बार किसी न किसी तरह दखल देता है. लगातार विवाद से गांव का विकास ठप होता है, इसलिए हम आगे भी निर्विरोध की परिपाटी को जारी रखेंगे.

मूलभूत सुविधाओं का नहीं अभाव

15 वार्डों में फैले माड़ागांव पंचायत में 1568 मतदाता हैं. हर मोहल्ले में सीसी सड़क और सोलर लाइट की व्यवस्था है. पेय जेल के लिए आरओ ट्रिपटमेंट प्लांट लगा हुआ है. निस्तारी के लिए तीन बड़े तालाब में से दो पर पानी लबालब भरा होता है. सभी में महिला घाट व पचरी निर्माण कराया गया है।

गांव में बिजली सब-स्टेशन निर्माण के लिए सर्वसम्मति से जमीन दे दी गई. इसलिए सतत् बिजली व लो वोल्टेज की समस्या नहीं रहती. गांव के विकास के साथ ही छोटे-मोटे विवाद का निपटारा गांव के पंचायत में ही कर लिया जाता है. ये सारी खूबियां जिले भर के अन्य पंचायतों की तुलना में माड़ागांव को खास बनाता है।

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