खनिज किसी भी राज्य और देश के सर्वांगीण विकास की रीढ़ होती है: पी. दयानंद
By : hashtagu, Last Updated : August 22, 2025 | 3:56 pm
रायपुर: छत्तीसगढ़ की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 25वीं बैठक का आयोजन आज सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में किया गया। बैठक की अध्यक्षता खनिज साधन विभाग के सचिव और भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल के अध्यक्ष पी. दयानंद ( P Dayanand) ने की। इस बैठक में भौमिकी एवं खनिकर्म संचालनालय के निदेशक रजत बंसल, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों व उपक्रमों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य प्रदेश में खनिज संसाधनों के बेहतर उपयोग, नए खनन परियोजनाओं की योजना तैयार करना और बीते वर्ष की उपलब्धियों की समीक्षा करना रहा।
बैठक के दौरान वर्ष 2024-25 में पूरे हुए भू-वैज्ञानिक और खनन कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। जानकारी दी गई कि पिछले वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ को खनिज राजस्व के रूप में लगभग 15,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो वर्ष 2023-24 की तुलना में लगभग 34% अधिक है। इस वृद्धि ने राज्य के आर्थिक ढांचे को मजबूती देने के साथ-साथ खनन क्षेत्र में निवेश के नए अवसर भी खोले हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य में भारत सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न संस्थानों द्वारा 2024-25 में किए गए भू-वैज्ञानिक कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ 2025-26 में प्रस्तावित परियोजनाओं को भी अंतिम रूप दिया गया।

अपने संबोधन में खनिज सचिव पी. दयानंद ने कहा कि खनिज किसी भी राज्य के सर्वांगीण विकास की रीढ़ होते हैं। छत्तीसगढ़ में रणनीतिक और क्रिटिकल मिनरल की खोज राज्य के विकास को एक नई दिशा दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में मौजूद खनिजों का व्यवस्थित और सतत अन्वेषण कर खनिज आधारित नए उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों और संस्थानों से आग्रह किया कि वे अपने संसाधनों, विशेषज्ञता और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण खनिजों की खोज और विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं। साथ ही उन्होंने राज्य में खनिज विकास में लगी एजेंसियों के बीच डेटा साझा करने और बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर भी बल दिया।
बैठक में संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म रजत बंसल ने बताया कि वर्ष 2024-25 में राज्य में लगभग 2500 मिलियन टन चूनापत्थर और 93 मिलियन टन लौह अयस्क के भंडार का आंकलन किया गया है। इसके अलावा वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित भू-वैज्ञानिक परियोजनाओं में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों को प्राथमिकता दी गई है। ये परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत मिशन को मजबूती प्रदान करेंगी और रणनीतिक क्षेत्रों में स्थायी व आत्मनिर्भर विकास को गति देंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ शासन वैज्ञानिक और विस्तृत खनिज अन्वेषण एवं विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (NMET) के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में चूनापत्थर और बाक्साइट के लिए दो अन्वेषण परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है। इसके अलावा निजी अन्वेषण संस्थानों को भी NMET के तहत राज्य में दो परियोजनाओं की अनुमति दी गई है, जिनमें एक परियोजना लिथियम, नियोबियम, टैंटलम, टाइटेनियम और अन्य दुर्लभ मृदा धातुओं पर केंद्रित है और दूसरी लौह अयस्क पर आधारित है। विभाग द्वारा निजी संस्थानों के सहयोग से अन्वेषण और खनिज परिशोधन को सशक्त करने की दिशा में भी अहम कदम उठाए गए हैं।
बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, उपक्रमों के प्रतिनिधियों ने भी राज्य में किए गए खनिज अन्वेषण कार्यों की जानकारी साझा की। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक अमित धारवाड़कर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बाक्साइट, सोना, ग्लूकोनाइट, लिथियम, टाइटेनियम, फास्फोराइट, फ्लोराइट, लेड और जिंक जैसे खनिजों की खोज के लिए सर्वेक्षण कार्य किए गए हैं। वर्ष 2025-26 में कुल 29 परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा।
संचालनालय भौमिकी एवं खनिकर्म द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए 11 अन्वेषण परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनमें 2 परियोजनाएं स्ट्रेटजिक व क्रिटिकल मिनरल्स पर, 2 ग्लूकोनाइट पर, 1 लेपिडोलाइट पर, 2 चूनापत्थर पर, 2 लौह अयस्क पर और 2 बॉक्साइट पर केंद्रित हैं।
इस बैठक में इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (IBM) रायपुर के रीजनल कंट्रोलर प्रेम प्रकाश, रीजनल माइनिंग जियोलॉजिस्ट डी. दास, GSI रायपुर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल अमित ए. धारवाड़कर, एएमडी के सेंट्रल रीजन के क्षेत्रीय निदेशक एस.आर. मंथनवार, एनएमडीसी, कोल इंडिया लिमिटेड, वेदांता, अल्ट्राटेक, डेक्कन गोल्ड सहित कई अन्य संस्थानों के अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में प्रदेश के खनिज विकास के लिए सभी एजेंसियों ने एकजुट होकर कार्य करने और सहयोग की भावना के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया।


