सुकमा। ऐतिहासिक और (Ancient Raj Mandai) प्राचीन राज मंडाई (मेला) का आयोजन 12 साल जिले में आयोजित किया गया। इसमें आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) भी शामिल हुए। इन्होंने अपनी श्रद्धा-भक्ति की मिसाल पेश की। इतना ही नहीं पूजन करने के बाद परंपरा का निर्वहन करते हुए उन्होंने अपने बदन पर अनगितन कोड़े की बारिश की। साथ ही हाथों में मोर पंख पकड़ कर पारंपरिक अंदाज में देवी-देवताओं की आराधना की। यह वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
9 अप्रैल से मेला शुरू हुआ है, जो 12 अप्रैल तक चलेगा। इसमें सुकमा, समेत पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश और ओडिशा के देवी-देवताओं के देव विग्रह शामिल होते हैं। आस्था, परंपरा की झलक इस मेले में देखने को मिलती है। इस राज मंडाई में केरलापाल परगना के लोग आयोजन करवाते हैं। इसे देखने और बस्तर के रीति-रिवाज संस्कृति को समझने देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां आते हैं।
मेले में शामिल होकर खुद पर कोड़े बरसाने वाले आबकारी मंत्री ने कहा कि, कोड़े बरसाना आसान नहीं हैं। हिम्मत देवी-देवता ही देते हैं। वहां मौजूद कुछ और लोगों ने भी अपनी आस्था दिखाई। किसी ने मुंह में गालों के बीच से सरिया आर-पार किया तो किसी ने पारंपरिक नृत्य किया।
सुकमा राज परिवार के सदस्य रामराजा मनोज देव ने बताया कि, सुकमा रियासत के हिसाब से 440 गांव के देवी-देवता इसमें शामिल होते हैं। यह मेला हर 12 साल में किया जाता है। उन्होंने बताया कि, सालों पहले जयपुर के राजा और सुकमा के राजा के बीच युद्ध हुआ था। जिसे सुकमा के राजा ने जीता था। उन्होंने अपने क्षेत्र को बढ़ाया था। उसी जीत की खुशी में हर साल राज मंडाई (मेला) का आयोजन किया जाता है।
12 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाली ऐतिहासिक “सुकमा राज मंडई मेला” के द्वितीय दिन शामिल होकर इस अवसर पर सभी श्रद्धालुगणों का स्वागत कर देवी देवताओं की पूजा अर्चना की,साथ ही पड़ोसी राज्य ओड़िसा से आए देवी देवताओं का भी स्वागत कर उनका वंदन किया। pic.twitter.com/QN2qClVoZL
— Kawasi Lakhma (@Kawasilakhma) April 11, 2023