रायपुर, 17 अगस्त 2024/ छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह (Speaker of Chhattisgarh Assembly Dr. Raman Singh) आज राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान (Indian Council of Agricultural Research- National Institute of Biological Stress Management) द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया। डॉ सिंह ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था। तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कुल 3966 कृषक परिवारों और जनजातीय उप-योजना के तहत कुल 3324 कृषक परिवारों को शामिल किया गया है। प्रदेश के 13 जिलों जशपुर, रायगढ़, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, सरगुजा, धमतरी, बलौदाबाजार- भाटापारा, दुर्ग और रायपुर अंतर्गत कुल 333 गांवों को परियोजनाओं का लाभ दिया गया है। उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों को समर्थन प्रदान करने के साथ ही अनुसंधान और युवाओं को कृषि के प्रति सजग बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक की हमारी सरकार में हमने देश में पहली बार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था को कंप्यूटर तथा ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा। धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संपूर्ण मॉनिटरिंग करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनाया।
प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया। 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि दी। इस साल खरीफ सीजन में 145 लाख मी. टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है। इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों को कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष तथा आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में कृषि संस्थान सहित आईआईएम, आईआईटी स्थापित करने का श्रेय देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में भी उच्च स्तरीय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित है।
छत्तीसगढ़ के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है। किसान खेती-किसानी की ओर अग्रसर हुए है। उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ धान की खेती नहीं करनी चाहिए, जिसे अन्य फसल प्रभावित हो। उन्हें अन्य पारंपरिक खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी.के. घोष, डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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