रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के खिलाफ NSUI का हल्लाबोल
By : dineshakula, Last Updated : July 8, 2025 | 7:10 pm
रायपुर: छत्तीसगढ़ में मंगलवार को NSUI और पैरामेडिकल छात्रों ने रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल कार्यालय के सामने छात्रों ने प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय और काउंसिल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
छात्रों का कहना है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी से BMLT, DMLT, डायलिसिस और ऑप्टोमेट्री जैसे कोर्स पूरे कर लिए हैं, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी उन्हें काउंसिल से रजिस्ट्रेशन नहीं मिल पाया है। बिना रजिस्ट्रेशन के न नौकरी मिल रही है, न ही आगे की पढ़ाई का कोई रास्ता खुल रहा है।
“झूठा सपना दिखाया गया था” – छात्रा सोनी मानिकपुरी की आपबीती
पहले बैच की छात्रा सोनी मानिकपुरी ने अपनी व्यथा साझा करते हुए बताया, “एडमिशन के समय कहा गया था कि यूनिवर्सिटी कोर्स के लिए पूरी तरह से मान्यता प्राप्त है। हमने विश्वास किया, 3 लाख से ज्यादा की फीस भरी, पढ़ाई पूरी की। लेकिन जब नौकरी के लिए आवेदन किया, तो पता चला कि यूनिवर्सिटी का कोई रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। छह साल हो गए, लेकिन पैरामेडिकल काउंसिल में अब तक नाम दर्ज नहीं हो पाया।”
बिना मान्यता के चल रहे हैं कोर्स, छात्रों का भविष्य अधर में
NSUI जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने बताया कि 2019 से लेकर अब तक करीब एक हजार छात्र-छात्राएं इन अवैध कोर्स में दाखिला ले चुके हैं। “यूनिवर्सिटी ने बिना NOC और मान्यता के BMLT, DMLT, डायलिसिस और ऑप्टोमेट्री जैसे महत्वपूर्ण कोर्स चला रखे हैं। छात्रों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर एडमिशन दिया गया, लेकिन अब वे रजिस्ट्रेशन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं,” उन्होंने कहा।
किस पर है जिम्मेदारी? काउंसिल और यूनिवर्सिटी एक-दूसरे पर डाल रहे दोष
छात्रों ने बताया कि जब वे यूनिवर्सिटी से संपर्क करते हैं, तो उन्हें कहा जाता है कि हमें काउंसिल से NOC मिला हुआ है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल यह साफ कर चुकी है कि रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी को इन कोर्स के संचालन के लिए कोई मान्यता नहीं दी गई है। दोनों संस्थान एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं, और भुगतना छात्रों को पड़ रहा है।
NSUI ने दी चेतावनी – नहीं मानी मांग तो होगा उग्र आंदोलन
NSUI ने प्रशासन को चेताया है कि अगर जल्द से जल्द सभी छात्रों को रजिस्ट्रेशन नहीं दिया गया और दोषी यूनिवर्सिटी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। संगठन ने यह भी मांग की है कि भविष्य में इस तरह के फर्जी संस्थानों पर सख्ती की जाए, ताकि और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।