‘congress’ विधायकों की ‘आंतरिक सर्वे’ पर BJP खिला ‘पाएगी’ कमल!, जानें, सियासी मायने

(Congress MLA) कांग्रेसी विधायकों की एक आंतरिक सर्वे में 30 प्रतिशत विधायकों के खराब प्रदर्शन की बात सामने आ रही है।

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  • Updated On - January 11, 2023 / 10:08 PM IST

छत्तीसगढ़।(Congress MLA) कांग्रेसी विधायकों की एक आंतरिक सर्वे में 30 प्रतिशत विधायकों के खराब प्रदर्शन की बात सामने आ रही है। ऐसे में BJP हाईकमान की, ऐसे विधायकों के क्षेत्र में अपनी नजरें गड़ा दी हैं। इनमें अधिकांश विधायकों के बारे में जो रिपोर्ट (internal survey) में मिली है, वे अपने कार्यकाल के दाैरान जनता के बीच उनकी भागीदारी कम थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी के रूख को देखते हुए एक बार फिर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सक्रिय नजर आ रहे हैं। फिलहाल, यहां भाजपा अपने बूथ कार्यकर्ताओं के जरिए चुनाव जीतने की रणनीति में जुटी है।

अगर देखा जाए तो 30 विधायकों की रिपोर्ट के हिसाब से इनके विधानसभा में बीजेपी ने कड़ी टक्कर दिया तो कांग्रेस के लिए राहें आसान नहीं होगी। लेकिन इसमें भी दो राय नहीं है कि भूपेश बघेल सरकार के कामों की एक लंबी फेहरिस्त है। ऐसे में जनता के बीच भूपेश बघेल की छवि एक जननेता के रूप में स्थापित हो चुकी है। जिसे तोड़ पाना बीजेपी के लिए भी आसान नहीं होगा। यही कारण है, भूपेश के चेहरे पर ही कांग्रेस मिशन 2023 विधानसभा के चुनाव में उतरेगी। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक कांग्रेस में विधायकों को चेहरे को बदलने की वजह से मिशन 2023 पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि भूपेश बघेल की छवि पर ही कांग्रेस दोबारा सत्ता में वापसी की कोशिश करेगी।

इधर मुख्यमंत्री ने जिस आज कहा कि शुरुआती सर्वे के आधार पर पार्टी ने विधायकों को सुधार का आखिरी मौका दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा, अगर स्थिति सुधरेगी तो किसी का टिकट क्यों काटेंगे। लेकिन स्थिति नहीं सुधरी तो फिर पार्टी तय करेगी।

वे सिहावा विधानसभा में भेंट-मुलाकात के लिए रवाना होने से पूर्व रायपुर हेलिपैड पर पत्रकारों से यह बात कही। विधायकों के टिकट काटे जाने से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, सरकारी योजनाओं का फायदा लोगों को मिल ही रहा है। पार्टी की बात करें तो विधानसभा के पांच उपचुनाव हुए, हमने जीते। लिटमस टेस्ट तो यही है कि नगरीय निकाय चुनाव में क्या रिजल्ट रहा। उपचुनाव में रिजल्ट क्या रहा। यह सारे चुनाव हम जीते हैं। जहां तक कैंडिडेट की बात है तो अभी तो भेंट-मुलाकात का कार्यक्रम चल रहा है।

विधायकों को लगातार बता भी रहे हैं कि यह-यह काम आपको और करना है। अगर स्थिति सुधरेगी तो टिकट किसी का क्यों काटेंगे। अगर नहीं सुधरी तो फिर पार्टी तय करेगी। बताया जा रहा है कि पार्टी के आंतरिक सर्वे में करीब ३० प्रतिशत विधायकों का प्रदर्शन खराब पाया गया है। उनसे स्थानीय लोग और कार्यकर्ता भी संतुष्ट नहीं है। ऐसे विधायकों को बकायदा एक-एक काम के लिए निर्देशित किया गया है। फील्ड पर भी उसका असर नजर आने लगा है। पिछले कुछ महीनों से वे विधायक पर क्षेत्र में चौपाल लगाने लगे हैं। इसका कितना असर पड़ता है, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।