छत्तीसगढ़। वक्त के साथ सब कुछ बदलता है। जिसका असर अब सामाजिक संगठनों में भी आने लगा है। यहां छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कुछ सामजिक संगठनों ने अब ब्राह्मणों के बजाए अपने यहां होने वाले कर्मकांड आदि शुभ अवसरों के लिए पुरोहित (priest) तैयार करने में लगे हैं। यानी व्यक्ति उन्हीं के समाज का होगा, जो हिंदू धर्म के सभी कर्मकांड और शादी-व्याह कराएंगे। दान में मिलने वाले रुपए को समाज के कोष में जमा होंगे। ताकि उसका उपयोग संगठन के अन्य कार्यों में खर्च हो सके। गौरतलब है’ सनातन धर्म में पुरोहित का काम अब तक ब्राह्मण समुदाय ही देखता था। ऐसे में इनके पुश्तैनी काम का दायरा कम हो जाएगा।
बहरहाल, बात, चाहे जो भी हो, यहां छत्तीसगढ़ में वैसे भी ब्राह्मणों की संख्या सभी वर्गों से काफी कम है। अब जो बचे भी हैं, उन्हें दूसरे सामाजिक संगठनों के लोगों के यहां कर्मकांड कराने का मौका नहीं मिलेगा। देखा जाए तो इस निर्णय के पूर्व पिछले कई सालों से अधिकांश ब्राह्मण अब पुश्तैनी काम कर्मकांड को छोड़कर अन्य क्षेत्र में रोजी-रोजगार करने में जुट गए हैं।
मिलाजुलाकर इनको कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है। इनकी सामाजिक एकजूटता भी लगभग नगण्य है। इनके जो संगठन हैं, उनका दायरा भी काफी सीमित है। वहीं दूसरी ओर पुरोहितों के भरोसे धार्मिक कार्यों की निर्भरता खत्म हो जाएगी। इस अनूठी पहल में कई सामाजिक संगठन आगे आए हैं।
कुर्मी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंगरौली ने बताया कि प्रदेश के हर एक विकासखंड में 100 पुरोहित तैयार किया जा रहा है। इसके लिए अखिल भारतीय कुर्मी महासभा बेंगलुरु के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि विभिन्न कर्मकांडों को संपंन कराने के लिए कुर्मी समाज के लोगों को ही पुरोहित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ कुर्मी चेतना मंच ने वये राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता का शंखनाद कर यह क्रांतिकारी कदम उठाया है। बताया कि समाज के युवा पुरोहितों ने 500 से अधिक संस्कार कार्य सम्पंन कराए हैं। आगामी चरण में प्रत्येक जिले में 10 मास्टर ट्रेनर्स के साथ विकासखंडवार 100 पुरोहित बनाने की कार्य योजना है।
कलार समाज रायपुर परिक्षेत्र के मीडिया प्रभारी रामप्रसाद जायसवाल ने बताया कि समाज वैज्ञानिक सोच की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में कई समाज में खुद के पुरोहित हैं। इन सबको देखते हुए आने वाले दिनों में समाज के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि उन्हें एक पुरोहित के रूप में तैयार किया जाए। ऐसे में समाज के लोग ही समाज के काम में आ सकें।
इसी तर्ज पर यादव समाज भी पुरोहित तैयार करने की तैयारी में जुटा है। समाज के माधव लाल यादव ने बताया कि अन्य समाजों की तरह यादव समाज में भी पुरोहित तैयार करने का फैसला किया गया है। इन पुरोहितों से समाज के सभी संस्कारों को सम्पन्न कराया जाएगा। इसकी रुपरेखा तैयार की जा रही है।
जिला सेन समाज के अध्यक्ष डॉक्टर मनोज ठाकुर ने बताया कि समाज में कई लोग पुरोहित के काम कर रहे हैं। यह पुरोहित समाज और गायत्री परिवार से जुड़े हैं। आने वाले समय में समाज के और युवाओं को इसमें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
धोबी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सूरज निर्मलकर ने बताया कि समाज के युवाओं को पुरोहित तैयार करने के लिए प्रस्ताव लाया जा चुका है। अब इसके लिए अलग-अलग शहरों में प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। कहा कि इससे समाज में रूढि़वादिता परंपरा भी खत्म होगी। क्योंकि कई बार पुरोहित नहीं मिलते। जिसे ध्यान में रखते हुए इस कदम उठाया जा रहा है।