रायपुर। गृहमंत्री अमित शाह के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा (Assembly to be held in Chhattisgarh) तथा इसके बाद लोकसभा चुनाव की तैयारी पर फोकस हो गए हैं। पीएम मोदी ने बुधवार शाम 7 बजे पार्लियामेंट हाउस में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सांसदों-नेताओं की संयुक्त बैठक लेकर चुनावी तैयारी की समीक्षा की। बैठक आधी रात तक चली।
बताते हैं कि मोदी ने सीधे पूछा कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में कहां कमजोर हैं, कितनी सीटों पर भाजपा जीतेगी और आगे की रणनीति क्या होगी? यह भी पूछा गया कि लोकसभा चुनाव को लेकर सांसद अपने क्षेत्रों में क्या कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर कौन-कौन एक्टिव हैं। मोदी ने सांसदों को कुछ टिप्स दिए और कहा कि विधानसभा और लोकसभा की तैयारी एक साथ करें। लोकसभा चुनाव को लेकर हावी होते विपक्ष पर नरेंद्र मोदी ने अभी चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दी है।
इसे लेकर 31 जुलाई से हर दिन राज्यों की बैठक मोदी ले रहे है। इसी क्रम में बुधवार को मप्र और छत्तीसगढ़ की बैठक ली गई। चूंकि इन दाेनों राज्यों में विधानसभा चुनाव भी है, इसलिए यहां लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा पर भी चर्चा हुई। सांसदों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने के लिए भी कहा गया। बैठक में प्रदेश के सभी सांसद, चुनाव प्रभारी ओम माथुर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रमन सिंह और सरोज पांडे की उपस्थिति रही।
मोदी की बैठक के पहले मंगलवार की रात में अमित शाह ने चार घंटे तक छत्तीसगढ़ के नेताओं से चर्चा की। इस बैठक में प्रभारी माथुर और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया के अलावा अरुण साव, अजय जामवाल, शिवप्रकाश, पवन साय और डा. रमन शामिल हुए। सूत्रों की मानें तो शाह ने अब तक आए चारों सर्वे रिपोर्ट को लेकर चर्चा की और दिए गए टास्क की प्रगति पूछी।
बता दें कि अमित शाह के निर्देश पर हर बूथ से 24 बिंदुओं पर जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें मंदिर से लेकर पुजारी और प्रभावी नेताओं का बूथ वाइज डाटा तैयार किया जा रहा है। इसे 15 अगस्त तक पूरा कर लेना था, लेकिन बताया जा रहा है कि कई जिलों से डाटा नहीं मिल पाया है। ऐसे में शाह ने 15 दिन का और अतिरिक्त समय दिया है।
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