रायपुर। लोकसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ के सियासत की दुनिया में भाजपा के मुख्य किरदारों की भूमिकाएं अब लगभग तय हो गई हैं। जैसे भाजपा के कद्दावार नेता बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agarwal) को विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मंत्री बनाकर फिर लोकसभा चुनाव में उतारा गया है। इसके पीछे भाजपा की मंशा थी कि छत्तीसगढ़ में 11 की 11 सीटों पर जीत तय की जा सके।
उपजे इन सियासी हालातों के बीच उनकी विधानसभा सीट और खाली शिक्षा मंत्री के पद पर किसे मौका दिया जा सकता है, जिस पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लिहाजा मंत्री पद के लिए राजनीतिक हलको से जुड़े लोग अपने-अपने तरीके से कायस लगा रहे हैं। इसमें सबसे पहला नाम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का है। इसके अलावा रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत और रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा की चर्चा जोरों पर है। वैसे भाजपा का एक मिजाज है कि चर्चाओं से इतर चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। जैसे की लोकसभा चुनाव में पहली बार बिलासपुर से सांसद बने तोखन साहू को पीएम मोदी की कैबिनेट में राज्य मंत्री के पद से नवाजा गया है।
जगदलपुर से विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का नाम मंत्री पद के लिए चल रहा है कि उनकी संगठनात्मक नेतृत्व जबरदस्त है। विधानसभा चुनाव के बाद अरुण साव के डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान मिली थी। और उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि पिछले लोकसभा चुनाव से भाजपा को बेहतर प्रदर्शन कराना। ये दीगर बात थी कि भाजपा छत्तीसगढ़ की सभी 11 की 11 सीटों पर जीत के साथ लोकसभा चुनाव के मिशन में उतरी थी। फिर भी चुनाव परिणाम को सुधारते हुए 11 में 10 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब हो गई। क्षेत्रिय स्मीकरण में सिर्फ कोरबा की ही सीट हाथ फिसली बाकी पर जीतने में कामयाब रही। भाजपा की इस सफलता के साथ ही किरण सिंह देव ने बहुत की कम समय में भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के लिए चहेते बनकर पार्टी में उभरे हैं। इनका संगठन में सभी के साथ बेहतर तालमेल है। इनकी सरलता और सज्जनता पूर्ण के साथ मिलनसार स्वभाव की वजह से भाजपा के कार्यकर्ताओं के दिलों पर राज करने लगे हैं। इनके मंत्री बनाए जाने के पीछे तर्क भी दिए जा रहे हैं कि किरण सिंह देव छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से संगठनात्मक रुप से जुड़ें हैं। इस वजह से वे मंत्री पद के लिए योग्य माने जा रहे हैं।
भाजपा के संगठन कार्य के मिशन को आगे बढ़ाने में पुरंदर मिश्रा कई वर्षों से जुटे हैं। उन्हें जो भी पार्टी द्वारा जहां भी जिम्मेदारी दी गई, उसे उन्होंने बखूबी निभाया। महासमुंद जिले में अपनी राजनीति जमीन बनाते-बनाते उत्कल समाज को भाजपा के पक्ष में करने पुरंदर मिश्रा कामयाब हो गए। पहली बार रायपुर उत्तर से विधायक बने पुरंदर मिश्रा को लोकसभा सभा चुनाव के दौरान महासमुंद और ओडिशा में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने के लिए उतारा गया है। इनके पीछे कारण भी यह था कि महासमुंद जिले के सीमावर्ती ओडिशा की लोकसभा और विधानसभा सीटों पर उन्होंने अपने प्रभाव के जरिए ये बताने की कोशिश की, कैसे उन्हें एक उत्कल समाज से आने वाले व्यक्ति को भाजपा ने सम्मान देते हुए छत्तीसगढ़ में विधायक बनाने का काम किया। ताकि छत्तीसगढ़ में उत्कल समाज से आने वाले 35 लाख लोगों के हितों की रक्षा की जा सके।
रायपुर पश्चिम से अपने कांग्रेसी प्रतिद्वंदी को 38 हजार से अधिक वोटों से विधानसभा चुनाव में मात देने वाले विधायक राजेश मूणत भी मंत्री पद के दावेदारों में हैं। वे पूर्व में रमन राज में लोक निर्माण सहित कई विभागों में मंत्री थे। इस बार भले ही राजेश मूणत को विष्णुदेव साय की कैबिनेट के सृजन के दौरान मंत्री पद नहीं मिला। लेकिन लोकसभा चुनाव में उन्हें संगठन ने बड़ी भूमिका देते हुए कलस्टर बनाया था। जिसके संचालन में वे सफल रहे, उन्होंने अपनी मेहनत और निष्ठापूर्ण कार्य के चलते शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ऐसे में कायस लगाए जा रहे हैं कि उन्हें भी मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। राजेश मूणत एक सुलझे हुए और अनुभवी नेता के साथ-साथ प्रशासक होने की भी क्षमता रखते हैं। रमनकाल में अपने मंत्रालय के जरिए तमाम विकास कार्यों पर धरातल पर उतार चुके हैं। इनके पास विकास कार्य को मूर्तरुप देने की बेहतर क्षमता है।
इनके भी नाम चर्चा में हैं
इसमें पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल और पंडरिया विधायक भावना बोहरा, कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, बसना विधायक संपतअग्रवाल और सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो का नाम शामिल है।
यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में दौड़ी ‘मोदी के गारंटी’ की गाड़ी! आगे बढ़ाते BJP के ‘त्रिदेव’ सरकार! …सियासी जोड़ी ने ‘कायम’ की मिसाल
यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने हमेशा संविधान का मजाक बनाया!-अरुण साव
यह भी पढ़ें : आपातकाल का काला दिवस : भाजपा के दिग्गजों ने पलटे ‘इतिहास’ के पन्ने! कांग्रेस के ‘संवैधानिक छेड़छाड़’ पर दागे सवाल
यह भी पढ़ें : विष्णुदेव साय ने चलाया ‘विकास’ का सुदर्शन चक्र! समझें, क्रांतिकारी कदम की तासीर