राजनीतिक स्टोरी : कांग्रेस में जोगी कांग्रेस के विलय का सियासी फार्मूेला, रेणु जोगी का विलय मिशन

कहते हैं कि वक्त-वक्त की बात है, एक समय वह था जब अमित जोगी भूपेश के सामने चुनावी मैदान में थे। लेकिन राजनीतिक जमीन तैयार नहीं हो पाने के चलते

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  • Publish Date - December 25, 2024 / 06:56 PM IST

रायपुर। कहते हैं कि वक्त-वक्त की बात है, एक समय वह था जब अमित जोगी भूपेश के सामने चुनावी मैदान में थे। लेकिन राजनीतिक जमीन तैयार नहीं हो पाने के चलते अब जोगी कांग्रेस अपने पुराने घर कांग्रेस की चौखट लांघना चाहती है। इसके लिए जोगी कांग्रेस ने कांग्रेस को विलय(Jogi Congress merged Congress) करने के लिए आग्रह किया है। यह कैसा दिन आ गया है कि कांग्रेस का विरोध करने वाली जोगी परिवार कांग्रेस में जाने के लिए लालायित हैं। वैसे अब देखने वाली बात होगी कि क्या कांग्रेस जोगी कांग्रेस के विलय को लेकर क्या कदम उठाती है। देखा जाए तो भूपेश बघेल की बिना हरी झंडी मिले जोगी परिवार को कांग्रेस में विलय संभव नहीं है। यही वजह भी कि जोगी परिवार के लोग भूपेश और कांग्रेस के पक्ष में बयान जारी कर रहे हैं।

अभी कांग्रेस कर रही विचार मंथन

वैसे ये तो किसी छिपा नहीं है, जोगी कांग्रेस के निर्माण की नींव कांग्रेस में पड़ी फूट से पड़ी थी। ऐसे में एक लंबे समय तक जोगी कांग्रेस चुनावी मैदान में भी कांग्रेस के विरोध में चुनाव लड़ती रही है। लेकिन पांच सीट से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाई अब देखने वाली बात है कि अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी जोगी कांग्रेस के विलय से कांग्रेस क्या फैसला लेती है। अब कांग्रेस में भी विचार-मंथन चल रहा है कि जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय होने से क्या फायदा मिलेगा, उस पर अभी बहरहाल देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में यही कहा जा रहा है जल्द ही कांग्रेस में जोगी परिवार की वापसी हो जाएगी। न सिर्फ जोगी परिवार की बल्कि नेता कांग्रेस से जुड़े सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की। क्योंकि जेसीसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी और प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी अपनी पार्टी का विलय ही कांग्रेस में कराना चाहते हैं।

समिति को लेना है निर्णय, जिसमें भूपेश और टीएस सिंहदेव शामिल नहीं

निर्णय कांग्रेस की ओर से बनाई गई समिति को लेना है जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत सहित कई बड़े नेता शामिल हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव शामिल नहीं हैं। ऐसे में बघेल और सिंहदेव जैसे नेताओं का क्या रुख रहेगा यह देखना भी महत्वपूर्ण है। हालांकि समिति अगर निर्णय ले भी तो अंतिम निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से लिया जाएगा और जाहिर इसमें बघेल और सिंहदेव की सहमति भी ली जाएगी।

भूपेश के खिलाफ चुनाव लडऩा अमित जोगी का दुभाग्र्यजनक था-रेणु जोगी

एक मीडिया से डॉ. रेणु जोगी ने अमित जोगी के उस निर्णय को गलत ठहराया है, जिसमें उन्होंने भूपेश बघेल के खिलाफ पाटन में चुनाव लड़ा था। जोगी ने कहा कि मैं मानती हूं कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था। अमित का यह निर्णय सही नहीं था. जिस दौरान अमित ने यह निर्णय लिया था, तब मैं कोटा में अपने चुनाव में व्यस्त थीं।

बोलीं, जल्द मिलूंगा भूपेश से

उन्होंने यह भी कहा है कि वह जल्द ही भूपेश बघेल से मुलाकात (Meeting with Bhupesh Baghel)करेंगी। क्योंकि बघेल उनके पड़ोसी हैं। पड़ोसियों के साथ मुलाकात और बात होती रहनी चाहिए. वैसे भी मेरे साथ बघेल का संबंध बेहतर ही रहे हैं. वे जब मुख्यमंत्री रहे तो मैं विधायक थीं। मुझे भरपूर सम्मान उनकी ओर से मिलता रहा. इसी तरह टीएस सिंहदेव से भी नाता अच्छा रहा है। कांग्रेस में वापसी को लेकर आवेदन करने से पूर्व ही मैं काफी पहले उनसे मिल चुकी हूं। मुझे यह विश्वास है जोगी परिवार की वापसी को लेकर दोनों ही नेता जरूर सहमत होंगे।

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