रायपुर नगर निगम चुनाव : किसने डुबाई कांग्रेस की लुटिया, ऐसे खत्म हुआ भाजपा के जीत का सूखा
By : hashtagu, Last Updated : February 16, 2025 | 12:33 am
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रायपपुर निगम में भाजपा का सूखा हुआ खत्म, इसलिए पंजे की हार
रायपुर की सड़कों को खोदापुर बनाने और तमाम अव्यवस्थाएं के चलते जनता में दिखी नाराजगी
रायपुर। (BJP wins in Municipal Corporation after 15 years) नगर निगम में 15 साल बाद भाजपा ने जीत का सूखा खत्म किया। लेकिन बड़ी बात यह रही कि भाजपा से महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे (BJP mayor candidate Meenal Choubey) ने डेढ़ लाख से भी ज्यादा मतों से विजयी हुई हैं। वो अब तक नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। तीन बार की पार्षद रहीं हैं। इनके जीत का रिकार्ड ऐतिहासिक रूप में दर्ज हुई। लेकिन सवाल उठता है, आखिर कांग्रेस की हार कैसी हो गई। जबकि कांग्रेस महापौर प्रत्याशी के पति प्रमोद दुबे रायपुर नगर निगम में मेयर रह चुके हैं। लेकिन कांग्रेस के सरकार के दौरान अप्रत्यक्ष चुनावी प्रणाली में रायपुर में महापौर का टिकट प्रमोद दुबे का काट दिया गया। इसके बदले एजाज ढेबर को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने महापौर बना दिया। वहीं प्रमोद दुबे को नगर निगम में सभापति के पद से नवाजा गया। फिर पूरे कार्यकाल के दौरान एजाज ढेबर को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा घेरती रही। इसमें जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने के दौरान रायपुर की सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया था। वहीं बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण सहित कई मुद्दे थे, जिस भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर वार करती रही।
इसी दौरान पूर्व महापौर के भाई अनवर ढेबर पर शराब घोटाले में संलिप्ता पाई गई। फिर क्या था, जैसे-जैसे नगरीय निकाय चुनाव नजदीक आते गया, वैसे ही भाजपा कांग्रेस पर आक्रमक रूख अख्तियार कर लिया। ऐसे में जब एजाज ढेबर को टिकट देने की बारी आई तो कांग्रेस ने रायपुर जनता में उनके खिलाफ बने नैरेटिव को पहचानकर उनका टिकट दिया गया। इसके बदले फिर कांग्रेस ने नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे की पत्नी को दिप्ती दुबे को टिकट दे दिया। लेकिन जनता के बीच एजाज ढेबर के प्रति बनी छवि ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में लहर नहीं बन पाई। ऐसे में भाजपा की प्रत्याशी मीनल चौबे जो नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में थीं, उन पर जनता ने भरोसा जताते हुए भाजपा के ट्रिपल इंजन बनाने के नारे पर भरोसा किया।
जनता का कांग्रेस के प्रति ये माइंड सेटअप बना
- 1-कांग्रेस द्वारा 2019 में प्रमोद दुबे के बदले एजाज को महापौर बनाए जाने जनता नाराज थी
- 2-लोगों में चर्चा थी, जब सरकार आती है तो कांग्रेस प्रमोद दुबे को दरकिनार कर देती है, अब भ्रष्टचार के आरोप से जब ढेबर घिरे तो उनकी पत्नी को टिकट दिया
- 3-पाइप लाइन बिछाने के नाम पर सड़कों को खोद कर पूर्व में छोड़े जाने का गुस्सा भी कारण था
- 4-अपने चहेतों को पूर्व महापौर द्वारा ठेकेदारी और कमीशनखोरी का आरोप
- 5-बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों के घोटाले और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर भ्रष्टाचार का अरोप भी एक बड़ी वजह
- 6-जनता ने इस बार व्यक्तिगत के बजाए पार्टी के सिंबल को दिया महत्व
70 में 60 वार्डों पर बीजेपी का कब्जा
रायपुर के 70 वार्डों में से 60 वार्डों में भारतीय जनता पार्टी ने कब्जा किया है। वहीं सात वार्डों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। रायपुर के तीन वार्डों में निर्दलीय चुनाव जीते हैं।
रायपुर बीजेपी महापौर प्रत्याशी ने रचा इतिहास
रायपुर नगर निकाय से भाजपा की महापौर प्रत्याशी मिनल चौबे ने इतिहास रच दिया है। मीनल चौबे 1 लाख 53 हजार 290 वोटों से जीती हैं। उन्हें कुल 315835 वोट मिले हैं। मीनल चौबे ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है।
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