RSS प्रमुख मोहन भागवत का दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास, बिरसा मुंडा के मूर्ति का अनावरण किया

छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिनी छत्तीसगढ़ के जशपुर में प्रवास करेंगे। आज वे जशपुर पहुंचे, जहां उन्होंने बिरसा मुंडा की विशाल मूर्ति का अनावरण किया। 15 नवंबर को अंबिकापुर में मोहन भागवत के कार्यक्रम तय है।

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  • Updated On - November 14, 2022 / 10:37 PM IST

छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिनी छत्तीसगढ़ के जशपुर में प्रवास करेंगे। आज वे जशपुर पहुंचे, जहां उन्होंने बिरसा मुंडा की विशाल मूर्ति का अनावरण किया। 15 नवंबर को अंबिकापुर में मोहन भागवत के कार्यक्रम तय है। मोहन भागवत अंबिकापुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरगुजा और कोरिया विभाग के संयुक्त पथ संचलन में शामिल होंगे संघ के सार्वजनिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवकों को संबोधित किया जाएगा। जशपुर के कार्यक्रम के बाद मोहन भागवत अंबिकापुर हो गए।

RSS प्रमुख मोहन भागवत का दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास, बिरसा मुंडा के मूर्ति का अनावरण किया

जानकारी के मुताबिक मोहन भागवत ने दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण है। दिलीप सिंह जूदेव जशपुर राजपरिवार के प्रमुख रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की मशहूर सियासी हस्ती रहे । आदिवासी इलाके में हिंदुत्व जागरूकता के कामों की वजह से उन्हें जाना जाता है। वे झारखंड के रांची से सीधे मोहन भागवत जशपुर के वनवासी कल्याण आश्रम पहुंचे। संघ प्रमुख रविवार की शाम वनवासी कल्याण आश्रम में संघ की शाखा को संबोधित किया। इसके बाद आश्रम में होने वाली शाम की आरती में शामिल होकर स्वयंसेवियों से भेंट- मुलाकात किया। जशपुर में वनवासी कल्याण आश्रम जनजातीय गौरव दिवस किया गया। जहां उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

पद्मभूषण राम सुतार ने बनाई है प्रतिमा

सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने वाले विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने दिलीप सिंह जूदेव की मूर्ति का निर्माण किया है। मूर्तिकार राम सुतार को भारत सरकार ने पद्मश्री व पद्मभूषण सम्मान दिया है। जिस वक्त यह प्रतिमा राम सुतार के हाथों बनाई गई, उस वक्त सरदार पटेल की प्रतिमा का भी काम चल रहा था। पर सिर्फ दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा होने की वजह से प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने व्यस्तता के बावजूद दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा बनाई। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में इसका निर्माण किया गया।