रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा (State spokesperson Sandeep Sharma) ने कहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) छत्तीसगढ़ आईँ और झूठ परोस कर चली गईं। यहां आकर प्रदेश के किसान भाइयों और माता-बहनों से झूठ बोलकर चली गईं कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ आकर धान खरीदने का श्रेय लेते हैं, मैं यूपी से आती हूं और उनसे पूछना चाहती हूं कि यदि मोदी की सरकार छत्तीसगढ़ का धान खरीद रही है, तो उत्तरप्रदेश के किसान अपना धान 1200 से 1400 रु में क्यों बेच रहे हैं? वहां पर तो बीजेपी की सरकार है।’ श्री शर्मा ने कहा कि प्रियंका वाड्रा को मालूम ही नहीं है कि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार किसानों से कितनी कीमत पर धान खरीद रही है?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने प्रियंका वाड्रा के आरोपों के जवाब में कहा कि योगी सरकार ने उप्र के किसानों के लिए धान खरीदी की नई नीति तय कर दी है। योगी सरकार ने प्रति क्विंटल 143 रुपए की बढ़ोतरी की है। अब वहां के किसान भाइयों को बढ़ी हुई दर पर कामन धान 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान 2203 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा। वहां के किसान भाइयों को मालूम है कि उनके धान की कितनी कीमत मिलेगी? श्री शर्मा ने कहा कि प्रियंका वाड्रा छत्तीसगढ़ के किसानों को बताएँ कि उनकी भूपेश बघेल की सरकार किसानों से कितनी कीमत पर धान खरीदेगी, क्योंकि उनके कोई मंत्री 26 सौ रुपए बोल रहा है तो उनके प्रदेश अध्यक्ष 35 सौ से 4 हजार रुपए में खरीदने की बात कह रहे हैं। इससे छत्तीसगढ़ के किसान दुविधा में है कि उनके उपज की सही कीमत क्या है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि धान खरीदी में केंद्र सरकार का कोई रोल नहीं है, जबकि उन्हीं के मंत्री रवींद्र चौबे कहते हैं कि केंद्र सरकार किसानों के धान की लगातार कीमत बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री केंद्र सरकार पर अर्थिक सहयोग नहीं देने की बात कहते हैं तो उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव केंद्र सरकार से भरपूर आर्थिक मदद मिलने की बात सार्वजनिक मंच से स्वीकार करते हैं।
अब राज्य के नुकसान की बात कर रहे हैं। सत्य यह है कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों का पूरा धान खरीदने के लिए कोटा बढ़ाया है। राज्य के बजट में तो धान खरीदी के लिए कोई विशेष व्यवस्था ही नहीं है। कांग्रेस की राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी के बारे में झूठ बोलने का सबसे बड़ा प्रमाण तो राज्य का बजट है। अगर राज्य अपनी योजना से धान खरीदेगी तो उसके बजट में पैसे का प्रावधान करना पड़ेगा। धान खरीदी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग करता है, 2022-23 के लिए इस विभाग का कुल बजट 5158 करोड़ रुपए है, ऐसे में धान खरीदने के लिए 21 हजार 828 करोड़ रुपए कहां से आयेंगे? यहां तक कि तीन अनुपूरक बजट को मिलाकर भी इतनी बड़ी राशि नहीं होती।
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