‘माता कौशल्या’ के चरणों में ‘स्वरांजलि’ अर्पित करेंगे गायक ‘कैलाश खरे’!

By : hashtagu, Last Updated : April 22, 2023 | 7:22 pm

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अक्षय तृतीया (अक्ती) के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में ’माता कौशल्या महोत्सव’ का शुभारंभ करेंगे। कौशल्या महोत्सव कार्यक्रम (Kaushalya Festival Program) के लिए भव्य और आकर्षक मंच बनकर तैयार है।

आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव की गरिमा को बढ़ाने के लिए देश की मशहूर युवा क्लासिकल सिंगर मैथिली ठाकुर और देश के प्रख्यात गायक पद्म कैलाश खेर (Kailash Kher) भी श्री राम के ननिहाल चंदखुरी में अपनी प्रस्तुति देंगे।

क्लासिकल गानों के लिए मशहूर मैथिली ठाकुर माता कौशल्या महोत्सव के दूसरे दिन अपनी प्रस्तुति देंगी वहीं कैलाश खेर महोत्सव के आखिरी दिन 24 अप्रेल को दर्शकों के सामने अपनी प्रस्तुति देंगे। देश के इन दो सुप्रसिद्ध कलाकारों ने चंदखुरी के महत्व को देखते हुए बिना एक पल गंवाए ही यहां आने के लिए अपनी सहमति दे दी है। माता कौशल्या महोत्सव के पहले दिन मुंबई की मशहूर भजन गायक कविता पौडवाल एवं श्रीराम की शक्ति पूजा प्रस्तुत करने वाले वाराणसी के व्योमेश शुक्ला की प्रस्तुति होगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी के वैभव को विश्व पटल पर स्थापित करने प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, कार्यशील कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर माता कौशल्या महोत्सव मनाने की घोषणा की थी। छत्तीसगढ़ में स्थित माता कौशल्या मंदिर पूरे देश में एक मात्र प्राचीन मंदिर है।

पर्यटन कैफे का होगा उद्घाटन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल माता कौशल्या महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग द्वारा तैयार पर्यटन कैफे का भी उद्घाटन करेंगे। पयर्टन कैफे में छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित मिलेट्स कैफे का उत्पाद उपलब्ध होगा।

स्व-सहायता समूह की स्टॉलों में होगी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक

महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार मेला, उत्सवों एवं अन्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों के अवसर पर स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विक्रय एवं प्रचार-प्रसार हेतु को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। माता कौशल्या महोत्सव के मौके पर भी महिला स्व-सहायता द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विक्रय के लिए नौ स्टॉल तैयार किए गए हैं, जहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।