पूर्व CM रमन को अनिल टुटेजा ने भेजी चिट्टी, आपकी सरकार ने किया आरोपों को खारिज और भूल गए तो सबूत दे रहा हूं

By : hashtagu, Last Updated : November 10, 2022 | 6:04 pm

नान घोटाले में अनिल टुटेजा पर बार-बार आरोप लगाने पर पूर्व सीएम को तथ्यों के साथ पत्र भेजकर जताई आपत्ति

छत्तीसगढ़। नागरिक आपूर्ति घोटाले का भूत बार-बार राजनीतिक गलियारों में हावी हो जाता है। नान घोटाले का भूत ऐसा ही कि पूर्ववर्ती हाकिम और वर्तमान प्रदेश के मुखिया में टकराव करा देता है। इतना ही नहीं इसके जांच के दायरे में आने वाले कुछ अफसरों के लिए भी इस घोटालों की चर्चा परेशानी का सबब बन जाती हैं। ऐसा ही कुछ इस समय आईएएस अनिल टुटेज के साथ भी हो रहा है। पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह जब भी नान घोटाले की चर्चा करते हैं तो आईएएस अनिल टुटेजा की भी चर्चा सांकेतिक रूप से करने नहीं चूकते हैं। लेकिन अब उनके द्वारा बार-बार आराेप लगाने के चलते आईएएस अनिल टुटेजा के सब्र का बांध टूट गया है। नतीजा उन्होंने आखिरकार पूर्व सीएम को पत्र लिखकर कहा कि जिन आरोपों को आपकी सरकार और एसीबी ने निराधार और काल्पनिक माना था। उसके उलट आप हम पर यह आरोप लगाते हैं कि मैं वर्तमान सरकार का कृपा पात्र अफसर बनकर पदस्थ हूं। जबकि चौंकाने वाली बात है।

आरोपों के आधार पर ट्रायल का सामना करने को विवश हूं

उन्होंने पत्र और सबूत के तौर दस्तावेज भी दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि आपकी सरकार ने मेरे कार्याकाल में अमानक चावल संग्रहण और 5 करोड़ के नुकसान के एसीबी के मुख्य आरोपों को खारिज कर दिया था। और मुझे क्लीनचिट दी थी। लेकिन विडंबना है कि जिन आरोपों को आपकी सरकार द्वारा निराधार तथा काल्पनिक बताया गया था। उन्हीं आरोपों के आधार पर ट्रायल का सामना करने को विवश हूं।

नान के एमडी रहे टुटेजा ने पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह को लिखे अपने पत्र में कहा कि मीडिया में आपने निरंतर मुझ पर नान घोटाले के प्रमुख अराेपी होने और वर्तमान द्वारा मुझे बचाने संरक्षण देने तथा महत्वपूर्ण पद पर पदस्थ करने के आरोप लगाते रहते हैं।

पत्र में कहा कि कथित नान घोटाले की जांच के बाद रायपुर के विशेष न्यायालय के समक्ष 16 आरोपियों के विरुद्ध 6 जून 2015 को एसीबी द्वारा प्रस्तुत चालान में अन्य 16 मेरे विरुद्ध लगाए गए 3 आरोप हैं। जिसमें मेरे नान में मात्र 8 माह के कार्यालय यानी जून 2014 से फरवरी 2015 के दौरान भ्रष्टाचार का नवीन तंत्र विकसीत हुआ। इसके तहत राज्य में लाखों क्विंटल अमानक चावल और नमक अनावश्यक अति जिला परिवहन में नान को 5 करोड़ 18 लाख की क्षति हुई। लाखों क्विंटल अमानक चावल के बदले राइस मिलरों से एकत्र अवैध राशि में मुझे भी हिस्सा प्राप्त होता था।

उन्होंने लिखा है कि स्मरण रहे कि एसीबी द्वारा बड़ी मात्रा में अमानक चावल के संग्रहण और नान को 5 करोड़ की क्षति होने के संबंध में नान प्रबंधन अथवा शासन के खाद्य विभाग से पूछने की जरुरत नहीं समझी गई। तथा चावल के मापदंडों की कोई जानकारी ना होने के बाद भी अमानक चावल के संग्रहण के काल्पनिक आरोप लगाए गए।

जानकारी में बताया गया कि वितिय वर्ष 2014-15 में खाद्यान्नों के संग्रहण व परिवहन एवं वितरण में कोई क्षति नहीं हुई

टुटेजा ने कहा कि आपकी सरकार ने अमानक चावल संग्रहण एवं 5 करोड़ की क्षति के बारे में जो उच्च न्यायालय तथा विधानसभा में जो जानकारी दी थी वह इस प्रकार है। विधानसभा के दिसंबर 2015 के शीतकालीन सत्र में शासन द्वारा प्रश्न क्रमांक 511 के उत्तर में जानकारी दी गई कि कैलेंडर वर्ष 2014 में अक्टूबर तथा राज्य में कहीं भी अमानक चावल संग्रहीत नहीं किया गया। विधानसभा के 2016 सत्र में प्रश्न क्रमांक 892 के उत्तर में 18 मार्च के 2016 को शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तिय वर्ष 2013-14 में नमक के अनावश्यक परिवहन में कोई क्षति नहीं हुई है।

उन्होंने विधानसभा में ही 18 मार्च 2016 को प्रश्न क्रमांक 2299 के उत्तर में शासन द्वारा यह जानकारी दी गई कि वित्तिय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में राज्य में कहीं भी अमानक चावल संग्रहण और वितरण की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। टुटेजा ने यह भी कहा कि पीडीएस अंतर्गत वितरित किए जाने वाले चावल गुणवत्ता की जांच कलेक्टरों द्वारा स्वंत्रत खाद्य निरीक्षकों के माध्यम से कराई जाती है। तथा उक्त प्रश्नों का उत्तर राज्य के समस्त कलेक्टरों से प्राप्त जानकारी के आधार पर दिया गया था। नान द्वारा 6 जून 2016 को सूचना के अधिकार अंतर्गत दी गई जानकारी में बताया गया कि वितिय वर्ष 2014-15 में खाद्यान्नों के संग्रहण व परिवहन एवं वितरण में कोई क्षति नहीं हुई।

कहा कि उच्च न्यायालय में नान में कथित रूप से एक दशक से जारी घोटाले में हजारों करोड़ों की क्षति होने तथा अमानक चावल संग्रहण करने में अनियमितताओं के आरोपों के आधार पर दायर जनहित याचिकाओं में नान घोटाले की जांच सीबीआई-एसआईटी द्वारा कराए जाने की मांग पर आपकी सरकार की आेर से दिए गये जवाब 30 अगस्त 2016 के प्रासंगिक अंश निम्नानुसार है कि विगत 12 वर्षों से भी अधिक अवधि से राज्य का पीडीएस देश के लिए माडल है।

टाइम टेस्टेड तथा एफीसियेंट है। यह उल्लेखनीय है कि उक्त 12 वर्षों से अधिक की अवधि में मेरा कार्यकाल भी सवाल है। ऐसे में जब मेरा कार्यकाल 8 महीने ही था। सारे आरोप काल्पनिक हैं।