मतगणना स्थल पर कड़ी निगहबानी : तीन लेयर में ‘हाईलेवल’ सुरक्षा! जानिए पूरी रणनीति
By : hashtagu, Last Updated : November 26, 2023 | 5:39 pm
- कैंपस में आने वाले हर किसी शख्स की अलग से वीडियो रिकार्डिंग की जा रही है। रोजाना रिटर्निंग ऑफिसर और ARO समेत पॉलिटिकल पार्टी के एजेंट और प्रत्याशी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज आकर निरीक्षण कर सीसीटीवी फुटेज देख रहे हैं।
3 लेयर सिक्यरिटी में EVM मशीन
ईवीएम मशीन की सिक्योरिटी के लिए सेजबहार के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में 3 लेयर सिक्योरिटी लगाई गई है । स्ट्रांग रूम के बाहर पहले लेयर में केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनात है। दूसरे लेकर के सुरक्षा छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स और तीसरी लेयर की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस बल को तैनात किया गया है सुरक्षा के लिए लगभग 200 जवान अपनी ड्यूटी दे रहे हैं।
सुबह 7 बजे स्ट्रांग रूम के खोले जाएंगे स्ट्रांग रूम
विधानसभा चुनाव के मतगणना की तैयारियां लेकर रायपुर कलेक्टर सर्वेश्वर भुरे ने लगातार अधिकारियों की बैठक ले रहे है। 3 दिसंबर मतगणना के दिन सुबह 7 बजे स्ट्रांग रूम के खोले जाएंगे। इस दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई जाएगी। मतगणना के दौरान शुरुआत आधे घंटे में पहले डाक मत पत्र की गणना की जाएगी। उसके बाद EVM की वोटों की गिनती शुरू होगी।
वोटिंग काउंटिंग रूम में मोबाइल ले जाने पर बैन
मतगणना स्थल पर वोटिंग काउंटिंग रूम में किसी भी पॉलिटिकल पार्टी के एजेंट और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई भी सदस्य मोबाइल लेकर जाएगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वही प्रत्याशियों को जारी किए गए पहचान पत्र और प्रारूप 8 के तहत निर्वाचन अभिकर्ता को जारी किए गए पहचान पत्र धारक को ही वोटिंग में प्रवेश दिया जाएगा।
मतगणना के लिए 16 टेबल लगाए जाएंगे
मतगणना में हर विधानसभा में कुल 16 टेबल लगाए जाऐगे। इनमें 14 टेबल EVM के लिए और 2 टेबल पोस्टल बैलेट के लिए लगाएं जाएंगे। हर टेबल में एक सुपरवाइजर और गणना सहायक भी होंगे। मतगणना दल की नियुक्ति तीन बार रेंडमाइजेशन के बाद किया जाएगा। पहली रेंडमाइजेशन जिला निर्वाचन अधिकारी की उपस्थिति में दूसरा और तीसरा रेंडमाइजेशन ऑब्जर्वर की मौजूदगी में की जाएगी।
क्या होता है रेंडमाइजेशन
चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है। रेंडमाइजेशन एक तरह का लॉटरी सिस्टम ही है, जिसमें अधिकारियों की नियुक्ति से लेकर उनकी ड्यूटी किस विधानसभा क्षेत्र में लगाना है। किस कर्मचारी की मतगणना में लगेगी सारी चीजें ये सॉफ्टवेयर के जरिए की जाती है। मतगणना दल ड्यूटी से पहले निर्वाचन विभाग रेंडमाइजेशन की प्रकिया के तहत किया जाएगा।
पहले रेंडमाइजेशन में मतगणना ड्यूटी में लगने वाले अधिकारियों का चयन सॉफ्टवेयर के माध्यम से दूसरे रेंडमाइजेशन में कर्मचारी की ड्यूटी कौन से विधानसभा में लगेगी यह तय होगा। तीसरे रेंडमाइजेशन 3 दिसंबर को मतगणना के दिन होगा। यह प्रक्रिया वोटिंग काउंटिंग के दिन सुबह 5 होगी, जिसमें सॉफ्टवेयर के जरिए लॉटरी निकाली जाएगी। मतगणना ड्यूटी में लगने वाले अधिकारियों का विधानसभा क्षेत्र और मतगणना टेबल में होगी।
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