विधानसभा में गूंजी ‘बिरनपुर’ हिंसा की CBI जांच की मांग! ‘नरवा-गरवा-बारी’ के घोटाले पर हंगामा

विधानसभा में अनुपूरक बजट (Supplementary budget in assembly) पर चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर ने सीएम से CBI जांच से बैन हटाने की मांग की।

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  • Updated On - December 21, 2023 / 03:20 PM IST

रायपुर। विधानसभा में अनुपूरक बजट (Supplementary budget in assembly) पर चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर ने सीएम से CBI जांच से बैन हटाने की मांग की। बिरनपुर हिंसा की सीबीआई जांच (CBI investigation into Biranpur violence) कराने की मांग कर कहा पिछली सरकार ने भ्रष्टाचार के कारण सीबीआई को यहां बैन किया। चंद्राकर ने नरवा-गरवा-घुरवा बारी योजना को घोटालों का अड्डा बताया। इसमें पैसे की बर्बादी हुई।

इससे पहले कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल ने बिजली बिल हाफ योजना बंद किए जाने को लेकर सवाल किया क्या योजना बंद होगी। इसे स्पष्ट करें कि योजना को लेकर भाजपा सदस्य जो बयान दे रहे हैं वो सही है या नहीं। तंज कसते हुए उन्होंने कहा यह भगवा नहीं ठगवा सरकार है। जवाब में मूणत बोले ये ठगवा नहीं भगवा सरकार है।

इसके बाद सदन में जोरदार हंगामे के बीच जय श्रीराम के नारे लगाए गए। बता दें कि कांग्रेस ने धान खरीदी, महतारी वंदन योजना, आवास योजना और बेरोजगारी भत्ता को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अनुपूरक में कहीं भी धान खरीदी का प्रावधान नहीं है।

विधानसभा के उठे मुद्दे

अनिला भेंडिया ने पीएससी में अधिकारियों के बच्चों के चयन होने पर कहा कि अधिकारी के बच्चे क्यों अधिकारी नहीं बन सकते। जवाब में भाजपा की लता उसेंडी ने इस पर टिप्पणी की तो भाजपा के वरिष्ठ विधायक राम विचार नेताम ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह दो पूर्व महिला बाल विकास मंत्री के बीच का मामला है।

कांग्रेस के विक्रम मंडावी ने कहा कि सरकार का गठन हुए 10 दिन से अधिक हो चुके हैं। अब तक एक भी वादा पूरा नहीं किया जबकि हमने सरकार बनने के कुछ घंटे बाद ही किसानों की कर्जमाफी का वादा निभाया था।

भाजपा भावना बोहरा ने कहा कि PM आवास को लेकर महिलाएं चिंतित थी, महतारी वंदन योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। कांग्रेस ने अपना वादा नहीं निभाया। अनुपूरक बजट छत्तीसगढ़ के सुनहरे भविष्य का आइना।

उमेश पटेल ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान बिजली बिल हाफ योजना की स्थिति की जानकारी मांगी। उन्हें सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने टोका तो पटेल ने मुख्यमंत्री से मांग की, कि आप किसी के इशारों पर ना चले।

धर्मजीत सिंह बोले- उमेश भतीजे भूल गए क्या? कांग्रेस के लोग तो छींकने के लिए भी 10 जनपद से पूछते थे। जब अनुमति मिलती थी तब छींकते थे।

  • अजय चंद्राकर ने कहा- अभी-अभी सरकार बनी है मंत्रिमंडल बना नहीं है और अभी से सवाल उठा रहे हैं। इनका तो सवाल उठाने का नैतिक दायित्व नहीं बनता। बिरनपुर की घटना और बस्तर में रूपसिंह सलाम की घटना की सीबीआई जांच हो। नरवा-गरवा-घुरवा बारी घोटालों का अड्डा था। दूसरे मद का दूसरे मद में उपयोग कर पैसे की बर्बादी हुई।

चंद्राकर ने आगे कहा कि भगवान राम की मूर्ति में पैसा खा गए ये ऐसे लोग हैं। भतीजे उमेश पटेल तुम झीरम मामले में भूपेश बघेल के राजनीतिक कुचक्र का शिकार बने। झीरम केवल वोट पाने का साधन था। 5 साल में हर चीज में भ्रष्टाचाऱ हुआ। मैं तो कहूंगा, 5 साल कट्टर भ्रष्टाचारी सरकार रही।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग पर कहा, कि भले ही चर्चा का उल्लेख ना किया हो लेकिन नई सरकार आने के बाद अगर ऐसी घटना घटी है तो इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- सदन नियम और कानून से चलता है । ध्यानाकर्षण और स्थगन पर इस पर चर्चा कराने का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए सदन के कानून को समझते हुए सीधे अनुपूरक बजट पर चर्चा की जानी चाहिए।

अजय चंद्राकर ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव का उल्लेख नहीं था, विधायक लखेश्वर बघेल ने की थी किसान आत्महत्या मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराए जाने की मांग।

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत बोले – अगर 5 मिनट की चर्चा किसी गरीब के लिए की जाए तो इसमें आखिरकार क्या परेशानी है।

कवासी लखमा ने कहा- एक आदिवासी किसान विधानसभा के पहले आत्महत्या किया है नियम शिथिल करने चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा- सदन के भीतर मोबाइल फोन वर्जित है। न मोबाइल फोन लेकर आएं और न ही इस्तेमाल करें।

इससे पहले सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही शुरू होते ही किसान आत्महत्या मामले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग पर अड़े विपक्ष ने प्रस्ताव अस्वीकृत होने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया। पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस के बीच विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि पहले से इस पर चर्चा का उल्लेख नहीं है। साथ ही अल्प सूचना में सत्र आहूत की गई। जिसके बाद हंगामा करते हुए विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए।

क्या होता है अनुपूरक बजट

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की सरकार ने कामकाज के लिए अनुपूरक बजट की मांग की है। जब विभागों को बजट सत्र में आवंटित राशि कम पड़ जाती है तो ऐसे में राज्य सरकार वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही एक बजट लेकर आती है। इसे ही अनुपूरक बजट कहते हैं। आमतौर पर वित्तीय वर्ष पूरा होने से पहले ही अनुपूरक बजट लाया जाता है।

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