कथित शराब घोटाला सरकार का राजनैतिक हथकंडा : सुरेंद्र वर्मा

By : hashtagu, Last Updated : May 22, 2025 | 9:44 pm

–कथित शराब घोटाला मामले में सुको की फटकार से मोदी सरकार का षड्यंत्र उजागर-कांग्रेस

–मोदी-शाह के अधिनायकवाद में केंद्रीय जांच एजेंसियां केवल भयादोहन का हथियार

–विरोधियों को कुचलने और अपने राजनैतिक एजेंडे पर अमल करने, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है मोदी सरकार

रायपुर/ कथित शराब घोटाले (liquor scam)की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय जांच एजेंसी, ईडी को मिल रहे लगातार फटकार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा(State Congress Committee senior spokesperson Surendra Verma) ने कहा है कि अब यह पूरी तरह से स्थापित हो चुका है कि ईडी, सीबीआई, आईटी जैसे संवैधानिक जांच एजेंसियां मोदी सरकार के इशारे पर दुर्भावनापूर्वक भाजपा के मोर्चा संगठन के तौर पर काम कर रही है, भाजपाई चिह्नित करके अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को टारगेट कर रहे हैं, सत्ता में बैठे लोग षडयंत्र रच रहे हैं, भाजपा नेता पटकथा लिख रहे हैं और ईडी उस पर अमल कर रही है। विगत 5 मई को छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले की सुनवाई के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बिना सबूत आप केवल आरोप लगाते हैं, इस तरीके से अभियोजन पक्ष इस कोर्ट के सामने टिक नहीं पाएगा, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि ईडी ने कई मामलों में यही तरीका अपनाया है। आज एक बार फिर माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने लगभग इसी तरह के तमिलनाडु के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर रोक लगाते हुए ईडी को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि प्रवर्तन निदेशालय संविधान का उल्लंघन कर रही है, और सारी हदें पार कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी से पूछा कि आप व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं, लेकिन कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं कर सकते? आप देश के संघीय ढांचे का पूरी तरह से उल्लंघन कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी-शाह के अधिनायकवाद में केंद्रीय जांच एजेंसियों को केवल भयादोहन का हथियार बना दिया गया है। विगत 11 वर्षों से पूरे देश में यही खेल चल रहा है। विपक्ष के नेताओं को टारगेट करके कार्यवाहियां शुरू की जाती है, और जो भाजपा के शरण में आ जाता है उसके खिलाफ जांच रोक दी जाती है। चिंतामणि महराज, अजीत पावर, हेमंता विसवा सरमा, मुकुल राय, शुभेंदु अधिकारी, एकनाथ शिंदे, नारायण राणे, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, अशोक चौहान, रेड्डी ब्रदर्स, येदुरप्पा, जैसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जहां भाजपा के बड़े नेता भ्रष्टाचार का आरोप लगाए, केंद्रीय जांच एजेंसियों को काम पर लगाया और जब वह भाजपा के सहयोगी हो गए या भाजपा में शामिल हो गए तो उनके खिलाफ जांच की कार्रवाई रोक दी गई। अजीत पवार, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल हेमंता विसवा सरमा, नारायण राणे जैसे कई तो ऐसे नेता है जिनके पाप मोदी वॉशिंग मशीन में धूल गए और उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई, आईटी, ईडी न्यायालय में आवेदन दे देकर मुकदमे वापस लिए हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि करप्शन पर जीरो टॉलरेंस मोदी जी का केवल जुमला है, असलियत यह है कि भाजपा भ्रष्टाचारियों का अड्डा है, और मोदी सरकार का मतलब भ्रष्टाचारियों के सुरक्षा की गारंटी है। राजनीतिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी विपक्ष के जिन नेताओं का मुकाबला नहीं कर पाती, उनके खिलाफ षडयंत्र रचकर केंद्रीय जांच एजेंसियों का डर दिखाती है, उनके खिलाफ फर्जी मामले संस्थित किए जाते हैं। इसी तरह न्यायालय के माध्यम से मोदी सरकार के इशारे पर रचे गए षड्यंत्र लगातार उजागर हो रहे हैं।

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