रायपुर। छत्तीसगढ़ का सबसे बड़े सरकारी अस्पताल(government hospital) में बड़ी लापरवाही सामने आई है। तीसरी मंजिल पर न्यू ट्रामा विभाग के ऑपरेशन थियेटर के एसी कंप्रेशर में ब्लॉस्ट होने से आग(Fire due to blast in AC compressor) लग गई। इससे पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। अचानक हुए हादसे की वजह अभी तो साफ नहीं हो पाई है लेकिन आशंका है कि एसी या कहीं शार्ट सर्किट भी इस हादसे का कारण हो सकता है। फिलहाल, प्रथम दृष्टया एसी कंप्रेशर के ब्लॉस्ट होने की बात सामने आ रही है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ऐसी शाखा बनाई गई है, जो संसाधनों की जांच करता हो। ये तो गनीमत थी कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। हैरतवाली बात है कि इस अस्पताल की जांच करने के लिए समय-समय पर शासन के उच्चाधिकारी और मंत्री तक आते हैं, जिन्हें अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार सभी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बताने से बाज नहीं आते। नतीजा, सच्चाई तब खुलती है, जब कोई यहां कोई अनहोनी हो जाती है।
बहरहाल, सोमवार की दोपहर सब कुछ सामान्य था, डॉक्टर ऑपरेशन कर रहे थे, उसी दौरान आग लगी की घटना हुई। इससे आनन-फानन मरीज को किसी तरह बाहर निकाला गया। दम घोंटू धुंआ को बाहर निकालने के लिए खिड़की की जाली को तोडऩा पड़ा, तब जाकर कहीं धुंआ कम हुआ। ऑपरेशन थिएटर की जालियों को काटकर मरीजों को निकाला गया सूचना मिलने पर फायर बिग्रेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंच गई थी। पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया था।
1-क्या अस्पताल में विद्युत संसाधनों की जांच होती है
2-एसी आदि के मरम्मत के लिए क्या गाइड लाइन है
3-आपातकाल के दौरान अस्पताल में क्या व्यवस्था है
4-क्या इसकी जांच मजिस्ट्रेट से कराई जाएगी
5-बड़ी अनहोनी टलने के बाद किस पर कार्रवाई होगी
6-क्या कोई हादसा होने पर ही कोई कार्रवाई का प्रावधान है
7-ऑपरेशन थियेटर को बैक्टीरिया मुक्त करने के लिए क्या व्यवस्था है
इस घटना की सूचना मिलने पर मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी अस्पताल में पहुंच गए थे। जहां उन्होंने आग लगने के कारणों की जानकारी ली। साथ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना की जांच होगी।